नवरात्रि, एक ऐसा पावन समय जब लोग नौ दिन व्रत रखकर उपवास करते हैं। इस दौरान खाने में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपका लक्ष्य है वजन घटाना, तो इनमें से कौन-सा आटा आपके लिए ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है?
आइए जानें कुट्टू बनाम सिंघाड़ा — कौन है वेट लॉस का सुपरस्टार?
🌾 1. कुट्टू का आटा: हाई फाइबर, हाई प्रोटीन
फाइबर से भरपूर – पेट लंबे समय तक भरा रहता है
ओवरईटिंग पर कंट्रोल – भूख कम लगती है
प्रोटीन में समृद्ध – मसल्स बिल्डिंग में सहायक
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स – ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल
❗ कैलोरी अधिक – इसलिए सीमित मात्रा में ही खाएं
👉 डाइजेशन: कुछ लोगों को इसे पचाने में दिक्कत हो सकती है
➡️ अगर आपका पाचन ठीक है और आप हाई प्रोटीन डाइट पर हैं, तो कुट्टू आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
💧 2. सिंघाड़े का आटा: हल्का, पचने में आसान
कम कैलोरी – वजन घटाने में मददगार
पचाने में आसान – एसिडिटी और अपच की समस्या नहीं होती
मिनरल्स से भरपूर – इम्युनिटी बूस्ट करता है
❗ फाइबर और प्रोटीन कम – ज्यादा देर भूख नहीं रोकता
❗ ब्लड शुगर – बढ़ने का खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है
➡️ अगर आपको पाचन की समस्या है या हल्का भोजन चाहते हैं, तो सिंघाड़े का आटा ज़्यादा उपयुक्त रहेगा।
⚖️ वजन घटाने के लिए कौन-सा बेहतर?
घटक कुट्टू का आटा सिंघाड़े का आटा
कैलोरी अधिक कम
फाइबर अधिक कम
प्रोटीन अधिक कम
पचाने में आसान नहीं (हर किसी के लिए) हां
ब्लड शुगर कंट्रोल अच्छा थोड़ा कमजोर
➡️ कुट्टू: अगर आपको चाहिए ज्यादा फाइबर, प्रोटीन और ब्लड शुगर कंट्रोल
➡️ सिंघाड़ा: अगर आपको चाहिए कम कैलोरी और आसान पाचन
📌 निष्कर्ष:
वजन घटाने के लिए दोनों ही आटे फायदेमंद हैं, बस आपकी बॉडी टाइप और डाइजेस्टिव हेल्थ के अनुसार इनमें से किसी एक को चुनें।
हाई प्रोटीन डाइट चाहिए तो कुट्टू
लो कैलोरी डाइट चाहिए तो सिंघाड़ा
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