गेहूं का आटा या मल्टिग्रेन आटा? सेहत के लिए कौन सा है बेहतर

हमारे घरों में अक्सर गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ लोग गेहूं को बाहर से पिसवाकर आटा तैयार करवाते हैं, तो कुछ पैकेट वाला आटा खरीदते हैं। हालांकि, गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा होती है, जो वजन बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें मौजूद ग्लूटेन पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी और शरीर में सूजन का कारण बन सकता है।

सेहत पर गेहूं के आटे का असर
ग्लूटेन एलर्जी: गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है, जो कुछ लोगों में एलर्जी पैदा करता है। इससे पाचन समस्याएं, पेट में दर्द और सूजन हो सकती है, खासकर बच्चों में यह समस्या ज्यादा होती है।

पाचन समस्याएं: ग्लूटेन की वजह से एसिडिटी, डायबिटीज, मोटापा और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है, जो पैकेट वाला आटा इस्तेमाल करते हैं।

मल्टिग्रेन आटा: एक सेहतमंद विकल्प
गेहूं के आटे की तुलना में मल्टिग्रेन आटा अधिक पौष्टिक होता है, क्योंकि इसमें विभिन्न अनाजों का मिश्रण होता है। इसके सेवन से शरीर को अधिक फाइबर और मिनरल्स मिलते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

मल्टिग्रेन आटा बनाने का तरीका
गेहूं के आटे में अन्य अनाज मिलाकर मल्टिग्रेन आटा तैयार करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इस आटे को तैयार करने के लिए, 5 किलो गेहूं में निम्नलिखित चीजें मिलाएं:

250 ग्राम सोयाबीन के दाने

250 ग्राम मक्का

250 ग्राम ज्वार

250 ग्राम बाजरा

250 ग्राम चना दाल

200 ग्राम ओट्स

200 ग्राम जौ

250 ग्राम फ्लैक्स सीड्स

यह आटा आपके शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और सेहत के लिए अधिक लाभकारी होता है।

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