डायबिटीज (मधुमेह) आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर न सिर्फ सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि यह हार्ट डिजीज, किडनी प्रॉब्लम और न्यूरोपैथी जैसी कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि रोजाना आटे के चोकर (Bran) का सेवन करके शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।
आइए जानते हैं कि आटे का चोकर कैसे शुगर कंट्रोल करता है, इसके फायदे और इसे डाइट में शामिल करने के सही तरीके।
1. आटे के चोकर में क्या खास होता है?
जब गेहूं को पीसकर आटा बनाया जाता है, तो उसमें से निकलने वाला मोटे दानों वाला हिस्सा चोकर (Bran) कहलाता है। इसे अक्सर फेंक दिया जाता है, लेकिन यह डायबिटीज मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
आटे के चोकर में मौजूद पोषक तत्व:
फाइबर से भरपूर – इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं, जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
मैग्नीशियम – इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI) – चोकर वाले आटे से बनी रोटी धीरे-धीरे पचती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता।
प्रोटीन और मिनरल्स – शरीर को पोषण देने के साथ-साथ शुगर कंट्रोल में मददगार होते हैं।
रोजाना आटे के चोकर को डाइट में शामिल करने से डायबिटीज मरीजों को बहुत फायदा हो सकता है।
2. आटे का चोकर शुगर कंट्रोल कैसे करता है?
फाइबर ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने नहीं देता – चोकर में मौजूद फाइबर भोजन के पाचन को धीमा करता है, जिससे खून में शुगर धीरे-धीरे रिलीज होती है और शुगर स्पाइक्स नहीं आते।
ग्लूकोज अब्सॉर्प्शन को कम करता है – इसके मोटे कण शुगर को अब्सॉर्ब करके धीरे-धीरे शरीर में पहुंचने देते हैं, जिससे डायबिटीज मरीजों को फायदा होता है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है – चोकर में मौजूद मैग्नीशियम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स इंसुलिन हार्मोन की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर शुगर को बेहतर तरीके से प्रोसेस कर पाता है।
वजन कंट्रोल में मदद करता है – फाइबर से भरपूर चोकर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है और वजन नियंत्रण में रहता है।
3. आटे के चोकर के अन्य फायदे
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है – चोकर में मौजूद फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और दिल को स्वस्थ रखता है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है – यह कब्ज और एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करता है।
गट हेल्थ को सुधारता है – इसमें मौजूद प्रीबायोटिक फाइबर अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है – फाइबर और पोटेशियम से भरपूर होने के कारण यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है।
4. आटे के चोकर को डाइट में कैसे शामिल करें?
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आटे में चोकर मिलाकर उसकी रोटी खाना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
रोटी में मिलाएं:
- गेहूं के आटे में 15-20% चोकर मिलाएं और इसकी रोटी बनाएं।
- अगर आप ज्यादा फाइबर चाहते हैं, तो बाजरा, ज्वार या मल्टीग्रेन आटे के साथ भी इसे मिला सकते हैं।
दलिया या खिचड़ी में डालें:
- चोकर को दलिया, खिचड़ी या उपमा में मिलाकर सेवन करें।
स्मूदी और सूप में मिलाएं:
- इसे हल्का भूनकर स्मूदी, सूप या दही में डालकर खाया जा सकता है।
रोटी, पराठा, या थेपला बनाएं:
- चोकर से भरपूर आटे से पराठा या थेपला बनाकर खाया जा सकता है।
5. किन लोगों को चोकर का सेवन संभलकर करना चाहिए?
अत्यधिक फाइबर लेने से कुछ लोगों को गैस या ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
किडनी के मरीजों को ज्यादा मात्रा में चोकर का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अगर पहली बार चोकर का सेवन कर रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे डाइट में शामिल करें।
आटे का चोकर डायबिटीज मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने और डायबिटीज से जुड़ी अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है। अगर आप भी शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आज से ही अपनी डाइट में आटे के चोकर को शामिल करें!