माइग्रेन के दौरान क्या ना खाएं: कॉफी और चॉकलेट से बना ले दूरी

माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है जो कई लोगों को प्रभावित करता है। माइग्रेन के हमले को ट्रिगर करने वाले कई कारक होते हैं जिनमें खान-पान भी शामिल है। कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन माइग्रेन के हमले को बढ़ा सकता है। इसलिए, माइग्रेन के रोगियों को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

कौन से खाद्य पदार्थ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं?

  • कैफीन: कॉफी, चाय और कोला जैसी कैफीन युक्त पेय पदार्थ माइग्रेन के हमले को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • चॉकलेट: चॉकलेट में पाया जाने वाला टायरामाइन माइग्रेन के हमले को बढ़ा सकता है।
  • पनीर: कुछ प्रकार के पनीर में टायरामाइन पाया जाता है जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
  • शराब: शराब का सेवन माइग्रेन के हमले को बढ़ा सकता है।
  • संसाधित खाद्य पदार्थ: नमकीन, अचार, मसालेदार भोजन और अन्य संसाधित खाद्य पदार्थ माइग्रेन के हमले को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • एजोटोस: कुछ खाद्य पदार्थों में एजोटोस नामक रसायन पाया जाता है जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। ये खाद्य पदार्थों में सॉसेज, सलामी और कुछ प्रकार के मांस शामिल हैं।
  • फलियां: कुछ लोगों को फली खाने से माइग्रेन का हमला हो सकता है।
  • अंडा: कुछ लोगों को अंडे खाने से माइग्रेन का हमला हो सकता है।

माइग्रेन के रोगियों के लिए क्या करें?

  • फूड डायरी रखें: आप एक फूड डायरी रख सकते हैं जिसमें आप जो कुछ भी खाते हैं, उसे लिखें। इससे आपको यह पता चल सकेगा कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके माइग्रेन के हमले को ट्रिगर करते हैं।
  • स्वस्थ आहार लें: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं: डिहाइड्रेशन माइग्रेन के हमले को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम माइग्रेन के हमलों को कम करने में मदद कर सकता है।
  • तनाव कम करें: तनाव माइग्रेन के हमले को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य तकनीकों का उपयोग करें।

कब डॉक्टर को दिखाएं?

अगर आपके माइग्रेन के हमले लगातार और गंभीर हो रहे हैं तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर आपके लिए उपचार योजना बना सकते हैं।

ध्यान दें:

यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

अन्य जानकारी:

  • माइग्रेन के लक्षणों में सिर में धड़कन, उल्टी, मतली, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता शामिल हो सकते हैं।
  • माइग्रेन के कारणों में आनुवंशिक कारक, हार्मोनल परिवर्तन, तनाव और पर्यावरणीय कारक शामिल हो सकते हैं।

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