शुगर की बीमारी दुनियाभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है, और इससे बचाव के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना और खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। शुगर के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल संतुलित रखने के लिए समय-समय पर शुगर की जांच करना बेहद आवश्यक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुगर टेस्ट करने का सही समय क्या है? क्या आप उपवास के बाद या भोजन के बाद शुगर चेक कर रहे हैं? आइए जानते हैं, ब्लड शुगर टेस्टिंग के सही समय और तरीका के बारे में।
ब्लड शुगर टेस्टिंग क्या होती है?
ब्लड शुगर चेक करने का मतलब है, डायबिटीज और शुगर के स्तर को मॉनिटर करना। सही समय पर ब्लड शुगर चेक करने से आप डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, सही समय पर ब्लड शुगर चेक करना बेहद जरूरी है।
ब्लड शुगर टेस्ट करने का सही तरीका और समय
1. नाश्ते से पहले
ब्रेकफास्ट से पहले सुबह का शुगर टेस्ट करने से शरीर का उस समय का ब्लड शुगर लेवल पता चलता है, जब शरीर ने रातभर कुछ नहीं खाया होता।
नॉर्मल रेंज: 70-99 mg/dL
प्री-डायबिटीज का संकेत: 100-125 mg/dL
टाइप-2 डायबिटीज का संकेत: 126 mg/dL या उससे ज्यादा
2. लंच से पहले
लंच से पहले, सुबह के 2-3 घंटे बाद ब्लड शुगर चेक करें। यह बताता है कि आपके शरीर का ब्लड शुगर नाश्ते के बाद और लंच से पहले कैसा है।
नॉर्मल रेंज: 70-130 mg/dL
अगर यह बढ़ा हुआ है, तो यह इन्सुलिन रेसिस्टेंस या डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
3. खाने के बाद
भोजन के 2-3 घंटे बाद ब्लड शुगर चेक करने से यह पता चलता है कि भोजन के बाद आपका शरीर किस प्रकार से रिएक्ट करता है और ब्लड शुगर लेवल कैसा है।
नॉर्मल रेंज: 140 mg/dL से कम
नॉर्मल माना जाता है: 140-180 mg/dL
हाइपरग्लाइसीमिया (हाई शुगर लेवल) का संकेत: 180 mg/dL से ऊपर
4. रात को सोने से पहले
रात को सोने से पहले, लगभग 10 बजे ब्लड शुगर चेक करें, ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि आपका शुगर लेवल सुरक्षित है या नहीं।
नॉर्मल रेंज: 100-140 mg/dL
अगर यह इससे ऊपर है, तो आपको शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
ब्लड शुगर टेस्टिंग के लिए दो मुख्य तरीके
1. ग्लूकोमीटर का उपयोग
ब्लड शुगर चेक करने का सबसे सामान्य तरीका ग्लूकोमीटर है। इसे उपयोग करने के लिए:
सबसे पहले अपने हाथ अच्छे से धोकर सूखा लें।
ग्लूकोमीटर में टेस्ट स्ट्रिप लगाएं।
लांसिंग डिवाइस से अपनी उंगली के सिरे पर एक छोटी सी पंक्चर करें।
खून को टेस्ट स्ट्रिप पर लगाएं और परिणाम देखें।
2. कंटीन्युअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM)
यह एक स्मार्ट तकनीक है, जिसमें शरीर में एक छोटे डिवाइस को इम्प्लांट किया जाता है, जो निरंतर ब्लड शुगर के स्तर को ट्रैक करता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी डिवाइस हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें वास्तविक समय में शुगर लेवल पर नजर रखने की सुविधा देता है।
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