छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में मुंबई में महाविकास अघाड़ी का विरोध प्रदर्शन जारी है. एमवीए ने हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकाला है. इस प्रोटेस्ट में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे, संजय राउत, महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले सहित कई नेता शामिल हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार के भी शामिल होने की संभावना है.
महाविकास अघाड़ी के आंदोलन को देखते हुए अगले आदेश तक सुबह 10 बजे से गेटवे ऑफ इंडिया पर्यटकों के लिए बंद रखा गया है. MVA के नेता गेट ऑफ इंडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. आंदोलन को देखते हुए गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास काफी संख्या पुलिस बल को तैनात किया गया है. हुतात्मा चौक पर आंदोलन के मद्देनजर मुंबई पुलिस, स्टेट रिजर्व पुलिस, दंगा नियंत्रण दस्ता, महाराष्ट्र सुरक्षा बल, निगरानी वैन नियंत्रण पुलिस, एटीएस, यातायात पुलिस को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है.
महाविकास अघाड़ी ने इस आंदोलन का नाम ‘जूते मारो’ आंदोलन रखा. हुतात्मा चौक पर कार्यकर्ताओं का जमा होना शुरू हो गया. पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त है. मौके पर चप्पल भी आ गई है. मार्च के दौरान सरकार के पुतले को चप्पल मारी जाएगी. कार्यकर्ताओं के हाथों में चप्पलें हैं. इस आंदोलन पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी. महाराष्ट्र पुलिस की योजना महाविकास अघाड़ी के मार्च को गेटवे तक नहीं जाने देने की है. पुलिस मार्च को बीच में ही रोकने की तैयारी में है. नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई करेगी. पुलिस कालाघोड़ा तक मार्च को रोकने की तैयारी कर रही है. क्योंकी उसके आगे हाई सिक्योरिटी जोन है, इसके आगे कोर्ट, म्यूजियम, RBI, नेवी गेट और महत्वपूर्ण इलाके मौजूद है.
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह महाराष्ट्र का अपमान है. हमें हमारे ही महाराष्ट्र में हमारी ही पुलिस द्वारा रोका जा रहा है. इतनी लाचार पुलिस मैंने कभी नहीं देखी. अगर उन्होंने माफी मांगी तो क्या? समय देखें. क्या बयान राजनीतिक नहीं है? आप माफी किस चीज की मांग रहे है? इस बात की मूर्ति गिरी या इस बात की कि मूर्ति बनने में घोटाला है? राम मंदिर में छत से पानी गिर रहा है इसका….किस किसकी माफी मांगेंगे? पीएम हमेशा राजनीतिक बयान देते रहते हैं. अगर उन्हें ऐसी ही हमदर्दी होती तो वे मणिपुर चले जाते. केंद्र सरकार की नीति महाराष्ट्र का अपमान करने की है. ये राजनीतिक नहीं है, ये आंदोलन महाराष्ट्र के सम्मान के लिए है जिसका अपमान हुआ है.