पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का सफर कुल छह मेडल (1 सिल्वर, 5 ब्रॉन्ज) के साथ समाप्त हुआ। कुश्ती में भारत के नाम एक ब्रॉन्ज आया, जो अमन सहरावत ने जीता, जबकि विनेश फोगाट को लेकर फैसला आना बाकी है। अगर ये फैसला भारत के पक्ष में आता है तो कुल मेडल की संख्या सात, जबकि कुश्ती में भारत के नाम दो मेडल (1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज) हो जाएंगे और ये आंकड़े पहलवानी में टोक्यो के मुकाबले बराबरी पर होंगे। डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह का मानना है कि पहलवानों का विरोध ही मुख्य कारण है कि पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान पर्याप्त मेडल नहीं जीत सके। बता दें, भारत ने छह सदस्यीय दल भेजा था, लेकिन मात्र एक युवा पहलवान अमन सहरावत, जो पहली बार ओलंपिक के मंच पर थे, पोडियम पर रहे। अमन ने पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
एक साल तक चला था पहलवानों का प्रदर्शन
पिछले दिसंबर में बृज भूषण सिंह से डब्ल्यूएफआई प्रमुख का पदभार संभालने वाले संजय सिंह ने कहा कि लगभग एक साल तक चले विरोध प्रदर्शनों से पैदा हुए तनाव के कारण पहलवानों को शोपीस इवेंट की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका। करीब 14-15 महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के कारण कुश्ती पर खिलाडियों का ध्यान बहुत कम था, जिससे उनकी तैयारी भी काफी कम थी। हालांकि, अगर विनेश का फैसला उनके पक्ष में आता है, तो भारत के नाम कुश्ती में 2 मेडल हो जाएंगे। जो काफी हद तक मौजूदा स्थिति में ठीक-ठाक प्रदर्शन है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर फैसला 16 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। विनेश ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की फ्रीस्टाइल 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से अयोग्यता के खिलाफ अपील दायर की थी।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बयान में जानकारी दी है कि अब यह फैसला 16 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 30 मिनट पर दिया जाएगा। संजय सिंह ने कहा, “मेरी सभी से यही अपील है कि खेल और राजनीति को अलग-अलग रखें। नियम सर्वोपरि हैं । एक खिलाड़ी को पता है कि 100 ग्राम का क्या महत्व है। मुझे पूरी उम्मीद है कि विनेश का फैसला देश के पक्ष में आएगा। जो भी इस मामले पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें इस खेल और नियम की कोई जानकारी नहीं है। खेल को राजनीति से अलग रखे, हमारे देश में मेडल की कमी नहीं रहेगी।”