अफगानिस्तान-न्यूज़ीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में एकमात्र टेस्ट के बिना टॉस हुए ही रद्द हो जाने के बाद न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के कोच गैरी स्टीड बहुत ही निराश दिखे। उनका मानना था कि यह टेस्ट मैच उनके एशियाई दौरे की तैयारियों के लिए एक बढ़िया मौका था, लेकिन बिना कोई गेंद फेंके रद्द हो जाने के कारण खिलाड़ियों और पूरे कोचिंग स्टाफ़ में निराशा है। गौरतलब है कि न्यूज़ीलैंड को इस मैच के बाद दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए श्रीलंका जाना है, इसके बाद वे तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत लौटेंगे।
स्टीड ने कहा, “हमें अभी श्रीलंका के ख़िलाफ़ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) के दो मैच खेलने हैं, जिसकी तैयारियों के लिए यह अच्छा मैच हो सकता था। हमारे लिए सबसे निराशाजनक बात यह है कि हमने उस तैयारी का मौक़ा खो दिया। यह भले ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का मैच नहीं था लेकिन हमारे खिलाड़ियों के हाथ से पांच दिन टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौक़ा चला गया। अगर यह मैच होता तो हमें बेहतरीन क्रिकेट देखने को मिल सकता था।”
कीवी कोच अफगानिस्तान के खिलाफ लाल-गेंद की क्रिकेट में भिड़ने का मौका चूकने पर भी निराश दिखे। ग़ौरतलब है कि हाल के सफ़ेद-गेंद के मुकाबलों में अफगानिस्तान ने न्यूज़ीलैंड सहित विश्व के कई देशों को कड़ी टक्कर दी है। जून में हुए टी20 विश्व कप के दौरान अफगानिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को हराकर उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। इसके अलावा पिछले साल हुए वनडे विश्व कप के भी मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर अफगानिस्तान अगले दौर में जगह बनाने के बहुत क़रीब था।
स्टीड ने कहा, “यह अफगानिस्तान के ख़िलाफ़ हमारा पहला टेस्ट मैच था और हम निश्चित रूप से उत्साहित थे। पिछले कुछ विश्व कपों के दौरान उन्होंने हमें अच्छी टक्कर दी है और हम उनके ख़िलाफ़ टेस्ट मैच भी खेलना चाहते थे, जो कि बहुत कम होता है। उनके पास कुछ अच्छे और अनूठे गेंदबाज़ हैं और उनका सामना करना हमारे लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता था। ऐसी परिस्थितियों में खेलना आपको हमेशा कुछ ना कुछ नया सिखाता है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें वह मौका नहीं मिल पाया।”
हालांकि स्टीड ने यहां पर यह भी जोड़ा कि खिलाड़ियों का फिट रहना सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए अगर अंपायरों और मैच अधिकारियों को लगा कि मैदान खेलने लायक नहीं है, तो उन्होंने इसे होने से इनकार कर दिया।
स्टीड ने कहा, ”पिछले एक सप्ताह में यहां पर 1200 मिमी से अधिक की बारिश हुई है। हालांकि टेस्ट के पहले दो दिन मौसम कुछ ठीक था, लेकिन शाम को उस दौरान भी आंधी-तूफ़ान आ रहा था। इस वजह से मैदान अधिक गीला था और अंपायरों को लगा कि यहां मैच नहीं हो सकता है। यह खिलाड़ियों के हाथ में नहीं था और खिलाड़ी भी इससे काफी निराश थे। वे टेस्ट मैच खेलने आए थे और उन्हें टेस्ट मैच बहुत प्रिय भी है। टेस्ट खेलने का कोई भी मौका उनके लिए एक बड़ा मौका होता है।”
निकट भविष्य में पहले से तय कार्यक्रम में न्यूज़ीलैंड और अफगानिस्तान के बीच कोई मैच तय नहीं है। हालांकि स्टीड ने कहा कि वे अफगानिस्तान से फिर से लाल गेंद की क्रिकेट में भिड़ना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं भविष्य के दौरों और टूर्नामेंट्स पर कोई निर्णय नहीं लेता, लेकिन इस दौरे पर आने से पहले भी मैंने कहा था कि अफगानिस्तान, अब दुनिया के बड़े से बड़े देशों को हराने की ताक़त रखता है। वे एक क्रिकेटिंग शक्ति के रूप में उभर रहे हैं और मैं उनके साथ कभी भी टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद करूंगा। हालांकि भविष्य दौरा कार्यक्रमों को तय करना मेरे हाथ में नहीं है और यह दोनों देशों के बोर्ड का आपसी मसला है।”
न्यूज़ीलैंड के कोच ने इस बात से इनकार कर दिया कि अब वह आगामी श्रीलंका दौरे को भारतीय दौरे की तैयारी के रूप में देख रहे हैं, जहां उन्होंने अभी तक कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। उन्होंने कहा कि उनके लिए हर एक टेस्ट मैच महत्वपूर्ण है क्योंकि ये सभी मैच डब्लूटीसी का हिस्सा हैं।
स्टीड ने कहा, “श्रीलंका दौरा हमारे लिए भारत दौरे की तैयारियों का दौरा नहीं है। यह डब्लूटीसी का हिस्सा है और हम लोग वहां अभी तीसरे स्थान पर हैं। हम एक बार फिर से डब्लूटीसी के फ़ाइनल में पहुंचना चाहते हैं, इसलिए हमारे लिए हर एक टेस्ट ज़रूरी है। गॉल में जो हमें परिस्थितियां मिलेंगी, वे निश्चित रूप से बेंगलुरु, पुणे और मुंबई से अलग होंगी। हमें हर नई-नई जगह में नए-नए परिस्थितियों के भीतर अपने आपको ढालना होगा।”
न्यूज़ीलैंड की टीम अब श्रीलंका के लिए रवाना होगी, जहां उन्हें 18 और 26 सितंबर से गॉल में दो टेस्ट मैच खेलना है। इसके बाद वे तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत वापस लौटेंगे, जिसका पहला मैच 16 अक्टूबर से बेंगलुरु में शुरू होगा।
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