भारत अगले साल फरवरी में ग्लोबल ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) का आयोजन करेगा, जो 5 से 9 फरवरी 2025 तक दिल्ली में होगा। इस समिट में दुनियाभर के रचनाकार, कलाकार, और उद्योग जगत के नेता एक मंच पर आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में इस समिट के आयोजन की घोषणा की। इस समिट का उद्देश्य भारत को वैश्विक ऑडियो-विजुअल और कंटेंट क्रिएटर केंद्र बनाने के साथ-साथ दुनिया भर के रचनाकारों के लिए एक मजबूत सहयोग का मंच प्रदान करना है।
WAVES समिट: एक नया वैश्विक मंच
प्रधानमंत्री मोदी ने WAVES समिट को लेकर विस्तार से बात की और इसकी तुलना दावोस के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से की। उन्होंने बताया कि इस समिट का उद्देश्य न केवल भारत की बढ़ती सामर्थ्य को प्रदर्शित करना है, बल्कि यह वैश्विक कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म साबित होगा, जहां वे अपनी कला और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समिट भारत को गेमिंग, एनिमेशन, मनोरंजन तकनीक, और सिनेमा के क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के लिए अहम कदम होगा। यह समिट भारत में रचनात्मकता और कला के विभिन्न रूपों के क्षेत्र में न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे भारतीय सिनेमा और संबंधित उद्योगों को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।
भारत की रचनात्मकता की क्षमता को बढ़ावा देने का अवसर
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के आयोजन को लेकर विशेष रूप से भारत की युवा रचनाकारों से अपील की है। उन्होंने कहा कि देश भर के कलाकारों को एकजुट करने का यह एक सुनहरा अवसर है, और वे सभी को इस समिट में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रचनाकारों का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री ने न केवल बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा से जुड़े कलाकारों को आमंत्रित किया है, बल्कि एनिमेशन, गेमिंग, और टीवी उद्योग के पेशेवरों को भी इसमें भाग लेने का आह्वान किया है। मोदी ने कहा कि यह समिट भारत की सभी प्रमुख रचनात्मक उद्योगों की विकास प्रक्रिया को प्रदर्शित करेगा।
मनोरंजन और रचनात्मकता के क्षेत्र में भारत का भविष्य
भारत में रचनात्मकता का एक बहुत लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है। यहां के सिनेमा, संगीत, कला और सांस्कृतिक विरासत ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने इस समिट का आयोजन करके भारत को न केवल वैश्विक मंच पर एक प्रमुख रचनात्मक ताकत के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, बल्कि यह देश के भीतर भी स्थानीय उद्योगों को मजबूत करने और नए अवसर पैदा करने का माध्यम बनेगा।
इस समिट का मुख्य उद्देश्य भारत की गेमिंग, एनिमेशन, और फिल्म निर्माण की क्षमता को दिखाना है। इसके साथ ही यह क्षेत्रीय सिनेमा और मुख्यधारा सिनेमा के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
राज कपूर और मोहम्मद रफी को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट के आयोजन के दौरान भारतीय सिनेमा के दो महान हस्तियों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राज कपूर ने भारतीय सिनेमा की सॉफ्ट पावर को दुनिया भर में फैलाया और अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सामाजिक मुद्दों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
मोहम्मद रफी की आवाज को भी उन्होंने विशेष रूप से सराहा। उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में गूंजती है और आने वाली पीढ़ियों तक उनकी यादें जीवित रहेंगी। पीएम मोदी ने कहा कि रफी साहब का योगदान भारतीय संगीत और सिनेमा के इतिहास में अमूल्य रहेगा।
इसके अलावा, मोदी ने तेलुगु सिनेमा के महान अभिनेता अक्किनेनी नागेश्वर राव के योगदान की भी सराहना की, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नया आकार दिया। उन्होंने फिल्म निर्माता तपन सिन्हा की भी सराहना की, जिनकी फिल्मों ने समाज के प्रति जागरूकता और सामाजिक मुद्दों को उठाया।
सिनेमा और रचनात्मक उद्योगों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने WAVES समिट के माध्यम से भारत के सिनेमा और रचनात्मक उद्योगों को नई दिशा देने की योजना बनाई है। इस समिट में विभिन्न वैश्विक कंटेंट क्रिएटर्स को जोड़ने से भारतीय सिनेमा और मीडिया उद्योग को नई पहचान मिलेगी। यह समिट भारतीय फिल्म निर्माताओं और रचनाकारों को वैश्विक स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
समिट के दौरान गेमिंग और एनिमेशन जैसी उभरती हुई तकनीकों को भी प्रमुखता से उजागर किया जाएगा, जो भारतीय सिनेमा और मनोरंजन उद्योग की क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
निष्कर्ष: भारत के रचनात्मक उद्योगों का भविष्य उज्जवल
ग्लोबल ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) भारत के रचनात्मक उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह समिट न केवल भारत की सृजनात्मक शक्ति को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगा, बल्कि दुनिया भर के रचनाकारों और कलाकारों को एक साथ लाकर सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देगा। पीएम मोदी का यह कदम भारत को एक प्रमुख वैश्विक रचनात्मक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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