पसलियों में पानी भर जाना, जिसे प्लुरल इफ्यूजन भी कहते हैं, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। यह तब होता है जब फेफड़ों और पसलियों के बीच की झिल्ली में अतिरिक्त द्रव जमा हो जाता है।
पसलियों में पानी भरने के कारण
पसलियों में पानी भरने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- दिल की बीमारी: दिल की विफलता, दिल की परत में सूजन (पेरिकार्डिटिस)
- फेफड़ों की बीमारी: फेफड़ों का कैंसर, निमोनिया, तपेदिक
- किडनी की बीमारी: किडनी की बीमारी के कारण शरीर में अतिरिक्त द्रव जमा हो सकता है।
- लिवर की बीमारी: सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियां।
- संक्रमण: फेफड़ों या पसलियों के आसपास के क्षेत्र में संक्रमण।
- ऑटोइम्यून रोग: जैसे कि लुपस।
- दुर्घटना या चोट: छाती में चोट लगने के कारण भी पसलियों में पानी भर सकता है।
पसलियों में पानी भरने के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ
- छाती में दर्द
- खांसी
- बुखार
- थकान
- पैरों में सूजन
- वजन बढ़ना
पसलियों में पानी भरना कितना खतरनाक है?
पसलियों में पानी भरना कितना खतरनाक है, यह इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह सांस लेने में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है और यहां तक कि जानलेवा भी हो सकता है।
पसलियों में पानी भरने का उपचार
पसलियों में पानी भरने का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। उपचार में शामिल हो सकते हैं:
- दवाएं: दर्द निवारक, मूत्रवर्धक (पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं), और संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स।
- द्रव निकालना: एक सुई के माध्यम से अतिरिक्त द्रव को निकालना।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
बचाव के उपाय
पसलियों में पानी भरने से पूरी तरह बचाव करना हमेशा संभव नहीं होता है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर आप जोखिम को कम कर सकते हैं।
- स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ भोजन खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, और तनाव से बचें।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और पसलियों में पानी भरने का खतरा बढ़ाता है।
- संक्रमण से बचाव: नियमित रूप से हाथ धोएं और स्वच्छता का ध्यान रखें।
- अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित रखें: अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो इसका इलाज करवाएं।
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