रातभर मोबाइल और दिन में नींद? छोड़ दें ये 4 आदतें और चैन की नींद पाएं

क्या आपकी रातें मोबाइल स्क्रीन पर स्क्रॉल करते हुए बीत जाती हैं और दिन ऑफिस में जम्हाइयां लेते हुए? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। आज की डिजिटल लाइफस्टाइल में नींद से समझौता करना आम हो गया है, लेकिन इसका असर हमारी सेहत, फोकस और प्रोडक्टिविटी पर गंभीर रूप से पड़ता है।

नींद की गुणवत्ता सुधारने के लिए सबसे पहले कुछ आदतों को बदलना ज़रूरी है। आइए जानते हैं वे 4 आदतें जो आपकी नींद की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

1. सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल
ब्लू लाइट स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी मेलाटोनिन नामक हार्मोन के स्राव को रोक देती है, जो नींद लाने में मदद करता है। सोने से कम से कम 30 से 60 मिनट पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से दूरी बना लें।

2. कैफीन का देर रात सेवन
कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन नींद को आने से रोकता है और दिमाग को एक्टिव बनाए रखता है। अगर आपको रात में नींद नहीं आती, तो शाम के बाद कैफीन से दूरी बना लें।

3. अस्थिर सोने-जागने का रूटीन
हर दिन अलग समय पर सोना और उठना आपकी बॉडी क्लॉक को डिस्टर्ब करता है। कोशिश करें कि आप रोज़ एक ही समय पर सोएं और उठें, चाहे वीकेंड हो या वीकडे।

4. तनाव और ओवरथिंकिंग
सोने से पहले दिमाग में चल रही चिंता और उलझनों के कारण नींद आना मुश्किल हो जाता है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज़, मेडिटेशन या हल्की किताब पढ़ना सोने से पहले दिमाग को शांत करने में मदद करता है।

क्या करें बेहतर नींद के लिए?
– सोने से पहले एक तयशुदा रूटीन अपनाएं
– बैडरूम को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें
– डिनर हल्का और सोने से 2 घंटे पहले करें
– फिजिकल एक्टिविटी को दिनचर्या में शामिल करें

नींद केवल एक आदत नहीं, बल्कि आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत की बुनियाद है। यदि आप इन 4 आदतों को छोड़ने का संकल्प ले लें, तो आपकी नींद न सिर्फ गहरी होगी, बल्कि आप दिनभर तरोताज़ा और फोकस्ड भी महसूस करेंगे।