यूक्रेन संकट पर अमेरिका-रूस वार्ता, यूरोप में बढ़ी बेचैनी

अमेरिका और रूस के अधिकारी जल्द ही सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक बैठक करने जा रहे हैं। इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि यूक्रेन-रूस युद्ध वार्ता में यूरोपीय संघ (EU) की कोई भूमिका नहीं होगी।

अमेरिका के इस रुख से यूरोप में चिंता बढ़ गई है। इसी को देखते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं के एक विशेष सम्मेलन की मेजबानी करने का फैसला लिया है, जिसमें यूरोप की सुरक्षा पर चर्चा होगी।

यूरोप ने दिखाई कड़ी प्रतिक्रिया
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की नई कूटनीति से चिंतित यूरोप के बड़े नेता इस बैठक में शामिल होंगे।

पेरिस में होने वाली बैठक में संभावित नेता:

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर
जर्मनी, पोलैंड, इटली और डेनमार्क के शीर्ष नेता
नाटो प्रमुख मार्क रूटे
यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन
बैठक का मुख्य उद्देश्य यूरोप की सुरक्षा पर रणनीति तैयार करना और अमेरिका की प्राथमिकताओं में बदलाव को लेकर चर्चा करना होगा।

ट्रंप ने बदल दिया रुख, यूरोप में मचा हड़कंप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पुतिन के साथ रूस के आक्रमण पर चर्चा कर यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों को चौंका दिया।

अमेरिकी प्रशासन ने अपने नाटो सहयोगियों को भी स्पष्ट कर दिया है कि यूरोप अब अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा प्राथमिकता नहीं रहेगा। इसके बजाय, अमेरिका का फोकस अब चीन पर होगा और वह अपनी सैन्य ताकत वहां स्थानांतरित करने की योजना बना सकता है।

यूक्रेन का तीखा जवाब – अमेरिका-रूस की डील नहीं होगी स्वीकार!
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

जेलेंस्की का बयान:
“मैं अमेरिका और रूस के बीच होने वाले किसी भी फैसले को स्वीकार नहीं करूंगा। न ही यूक्रेन के नागरिक, न हमारे बच्चे। यह युद्ध हमारे खिलाफ है, इसका नुकसान हमें हुआ है।”

गौरतलब है कि यूक्रेन को सऊदी अरब में होने वाली इस अहम बैठक में शामिल होने का निमंत्रण नहीं दिया गया, जिससे यूक्रेनी सरकार और अधिक नाराज है।

क्या होगा आगे?
अमेरिका-रूस वार्ता के परिणाम क्या होंगे?
क्या यूरोप और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ेगा?
क्या यूक्रेन की भूमिका को दरकिनार किया जाएगा?
अब सबकी नजरें आने वाले हफ्तों में होने वाली रियाद और पेरिस की बैठकों पर टिकी हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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