संघ लोक आयोग (यूपीएससी) ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को नोटिस जारी कर पहचान धोखाधड़ी के आरोपों के बाद उनके चयन को रद्द करने की मांग की है। खेडकर, जिन्हें पहले उनकी उपलब्धियों के लिए सराहा गया था, अब भर्ती प्रक्रिया के दौरान कथित तौर पर अपनी पहचान गलत बताने के लिए जांच के दायरे में हैं। यूपीएससी का यह फैसला खेडकर की पृष्ठभूमि की विस्तृत जांच के बाद आया है, जिसमें उनके द्वारा दी गई जानकारी में विसंगतियां सामने आई हैं। जांच में पता चला है कि खेडकर ने अपनी पहचान गलत बताकर परीक्षा के लिए अनुमत प्रयासों की संख्या का धोखे से फायदा उठाया। इसमें उनका नाम, उनके माता-पिता का नाम, उनकी तस्वीर/हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलना शामिल था। अभी ट्रेंड कर रहा है
पीटीआई द्वारा उद्धृत एफआईआर रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएससी ने “सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी रद्द करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया है।”
32 वर्षीय खेडकर, जिन्होंने जून 2024 में पुणे कलेक्ट्रेट में अपना प्रोबेशनरी प्रशिक्षण शुरू किया था, पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) कोटा का अनुचित तरीके से उपयोग करने का भी आरोप है।
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