जंप्ड डिपॉजिट’ नामक एक नया साइबर घोटाला UPI उपयोगकर्ताओं के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। जालसाज अनजान व्यक्तियों को निशाना बनाकर उनके बैंक खातों से निकासी को अधिकृत करते हैं। इसे दिसंबर 2024 में तमिलनाडु पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने चिन्हित किया था। तब से यह घोटाला चर्चा में है।
घोटाला कैसे काम करता है?
‘जंप्ड डिपॉजिट’ घोटाला जालसाजों द्वारा UPI के माध्यम से पीड़ित के बैंक खाते में 5,000 रुपये जैसी छोटी राशि स्थानांतरित करने से शुरू होता है। कुछ ही समय बाद, घोटालेबाज बहुत बड़ी राशि के लिए निकासी अनुरोध शुरू करता है। अप्रत्याशित जमा अक्सर पीड़ित को तुरंत अपने खाते की शेष राशि की जांच करने के लिए प्रेरित करता है।
जब पीड़ित अपना बैंकिंग ऐप खोलता है और विवरण की जांच करने के लिए अपना UPI पिन दर्ज करता है, तो घोटालेबाज का निकासी अनुरोध अधिकृत हो जाता है जिससे वे तुरंत पैसे चुरा लेते हैं। अधिकारियों के अनुसार, द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, घोटालेबाज अप्रत्याशित जमा के बारे में पीड़ित की जिज्ञासा का फायदा उठाकर उनके फंड तक पहुँच प्राप्त करते हैं।
अपने पैसे की सुरक्षा कैसे करें
UPI उपयोगकर्ता अपने पैसे को ‘जंप्ड डिपॉजिट’ घोटाले से बचाने के लिए दो सरल कदम उठा सकते हैं।
– अपने अकाउंट की जाँच करने से पहले वेट करें: यदि आपको क्रेडिट सूचना मिलती है, तो अपने बैलेंस की जाँच करने से पहले 15-30 मिनट तक वेट करना सबसे अच्छा है। यह देरी किसी भी धोखाधड़ी वाले निकासी अनुरोध को समाप्त कर देती है, जिससे घोटालेबाजों के लिए आपके फंड तक पहुँच पाना असंभव हो जाता है।
– गलत पिन एंटर करें: यदि आप जल्दी में हैं और प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं, तो जानबूझकर गलत पिन दर्ज करने से कोई भी लंबित लेनदेन अस्वीकार हो जाएगा, जिससे आपका खाता अनधिकृत निकासी से सुरक्षित रहेगा।