1 फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट, जानिए टैक्स स्लैब में बदलाव के आसार

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सत्ता में आने के बाद उनके नए कैबिनेट का दूसरा पूर्ण बजट होगा। पिछले बजट में सरकार ने टैक्स से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में राहत दी थी, और इस बार भी ऐसे ही कुछ बदलावों की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर टैक्सपेयर्स के लिए। आइए जानते हैं कि इस बजट में टैक्सपेयर्स के लिए क्या नया हो सकता है।

टैक्सपेयर्स के लिए उम्मीदें
देश में इनकम टैक्स के लिए दो प्रमुख टैक्स रिजीम हैं – ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम। न्यू टैक्स रिजीम 2020 में लागू किया गया था। माना जा रहा है कि आगामी बजट में सरकार नई टैक्स रिजीम को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है, जैसे टैक्स स्लैब में बदलाव और टैक्स फ्री इनकम लिमिट में बढ़ोतरी।

टैक्स फ्री इनकम में बढ़ोतरी
मिडिल क्लास को राहत देने के लिए सरकार टैक्स फ्री इनकम की लिमिट बढ़ा सकती है।
वर्तमान में, 7.75 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है, सरकार इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर सकती है।
इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है, जैसा कि पिछले बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया था।
टैक्स स्लैब में बदलाव
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है।
सरकार का उद्देश्य कंजम्प्शन को बढ़ाना है, और इसके लिए मिडिल क्लास को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जा सकती है।
20% टैक्स देने वालों के लिए टैक्स लिमिट को 12-15 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक किया जा सकता है, जिससे मिडिल क्लास के पास ज्यादा पैसा आएगा और वे खर्च करेंगे, जिससे देश की इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
क्या मिल सकती है राहत?
इन बदलावों से मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इससे ना केवल टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी, क्योंकि खर्च बढ़ने से कंजम्प्शन और इकोनॉमी दोनों में इजाफा होगा।

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