बॉक्स ऑफिस पर अंतिम सांसें गिन रही उलझ, एक हफ्ते में 10 करोड़ भी नहीं कमा पाई फिल्म

साल 2024 में अब तक कई फिल्में रिलीज हो चुकी है लेकिन कुछ ही फिल्में दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही हैं। जहां मुंज्याÓ जैसी कम बजट की फिल्मों ने ताबड़तोड़ कमाई कर हैरान किया तो अक्षय कुमार स्टारर बड़े मियां छोटे मियांÓ जैसी बड़े बजट की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। हाल ही में जाह्नवी कपूर की स्पाई थ्रिलर उलझÓ और अजय देवगन स्टारर औरों में कहां दम थाÓ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

ये दोनों फिल्में भी दर्शकों की कसौटी पर खरी नहीं उतर पाई हैं। जाह्नवी की उलझÓ की बात करें तो ये फिल्म रिलीज के पहले दिन से सिनेमाघरों में दर्शकों के लिए तरस रही है। फिल्म को रिलीज हुए 7 दिन हो गए हैं लेकिन ये 10 करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पाई है। चलिए यहां जानते हैं उलझÓ ने रिलीज के 7वें दिन कितना कलेक्शन किया है?जाह्नवी कपूर की उलझÓ को दर्शकों से बेहद ठंडा रिस्पॉन्स मिला है। ना तो इस फिल्म की कहानी और ना ही स्टार कास्ट ऑडियसं को सिनेमाघरों तक खींच पा रही है। फिल्म की ओपनिंग ही बेहद खराब हुई थी और रिलीद के चौथे दिन ही इसकी कमाई लाखों में सिमट गई थी। ऐसे में उलझÓ के मेकर्स भी सिर पकड़े बैठे हैं।

फिल्म पूरी तरह डूब चुकी है और इसके कलेक्शन में अब उछाल आने की जरा भी उम्मीद नहीं है। वहीं फिल्म की कमाई की बात करें तो उलझÓ ने 1.15 करोड़ से खाता खोला था। दूसरे दिन फिल्म ने 1.75 करोड़, तीसरे दिन 2 करोड़, चौथे दिन 65 लाख, पांचवें दिन भी 65 लाख और छठे दिन 55 लाख का कारोबार किया। वहीं अब उलझÓ की रिलीज के 7वें दिन की कमाई के शुरुआती आंकड़े आ गए हैं। सैकनिल्क की अर्ली ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक उलझÓ ने रिलीज के 7वें दिन यानी पहले गुरुवार को 50 लाख की कमाई की है। इसी के साथ उलझÓ का सात दिनों का कुल कलेक्शन अब 7.20 लाख हो गया है। उलझÓ को रिलीज हुए एक हफ्ता हो गया है और ये अब अब बॉक्स ऑफिस पर अपनी आखिरी सांसे गिनती हुई नजर आ रही है। फिल्म की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिपोर्ट बेहद खराब है। रिलीज के 7 दिन बाद भी उलझÓ 10 करोड़ का कलेक्शन नहीं कर पाई है। ऐसे में ये फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो चुकी है। हाल ही में, उलझÓ अभिनेता गुलशन देवैया ने अपनी फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन पर अपना रिएक्शन दिया था। फिल्म की बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट को रीपोस्ट करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा था, संघर्ष वह नमक है जो सफलता का स्वाद चखता है। जो लोग संघर्ष को स्वीकार नहीं करते वे कभी कुछ सार्थक हासिल नहीं कर पाएंगे। यह एक मुश्किल बिजनेस है। पीरियड। वहींजब एक एक्स यूजर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म फिल्मों के लिए बेहतर माध्यम हैं, तो गुलशन ने जवाब दिया था, फीचर फिल्में बड़े पर्दे पर देखने के लिए होती हैं। हिट फ्लॉप तो चलता रहता है। जब सिनेमा की बात आती है तो मैं अपने आदर्शवाद को छोडऩे को तैयार नहीं हूं और यह भी उम्मीद नहीं करता कि लोग इसे समझेंगे।

यह भी पढ़े :-

कुकिंग ऑयल का पुन: उपयोग: जाने सेहत के लिए क्यों है यह हानिकारक