ट्रंप-पुतिन वार्ता पर यूक्रेन नाराज़, जेलेंस्की ने जताया अफसोस

रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत अमेरिका और रूस के अधिकारियों के बीच सऊदी अरब में कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन इस वार्ता को लेकर अब यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

यूक्रेन की अनदेखी का आरोप
यूक्रेन और यूरोप के कई देशों ने आरोप लगाया है कि इस शांति वार्ता में यूक्रेन के पक्ष को दरकिनार किया जा रहा है। इसी मुद्दे पर जेलेंस्की ने टाइम मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि रूस ने ‘सूचना के जरिए’ अमेरिकी प्रशासन के कुछ सदस्यों को प्रभावित किया है।

जेलेंस्की की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की कुछ चिंताओं को स्वीकार किया है। इनमें नाटो के रूस की सीमाओं की ओर बढ़ते प्रभाव और यूक्रेन को इस सैन्य संगठन का सदस्य बनाए जाने का मुद्दा शामिल है।

‘व्हाइट हाउस मास्को की बात मान रहा है’
हाल ही में रूस-अमेरिका वार्ता और खासकर ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन कॉल को लेकर जेलेंस्की ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि

“व्हाइट हाउस मॉस्को से आने वाली सूचनाओं को मान रहा है, जो खतरनाक संकेत है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने ट्रंप को बताया कि रूसी सेना ने यूक्रेन की सेना को कुर्स्क क्षेत्र में घेर लिया है, लेकिन जेलेंस्की ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।

‘यूक्रेन को जबरन शांति के लिए मजबूर किया जा रहा है’
जेलेंस्की ने कहा,

“मुझे लगता है कि रूस ने व्हाइट हाउस की टीम के कुछ लोगों को अपने शब्दों से प्रभावित कर लिया है। वे अमेरिकियों को यह समझाने में सफल हुए हैं कि यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं करना चाहता और उसे मजबूर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।”

‘हर चित्र जीत की उम्मीद को दर्शाता है’
टाइम मैगजीन के पत्रकार साइमन शस्टर के मुताबिक, इंटरव्यू के दौरान जेलेंस्की ने उन्हें कीव में अपने ऑफिस के एक कमरे में लटकी तीन पेंटिंग्स दिखाईं। इनमें से उनकी पसंदीदा पेंटिंग में क्रेमलिन को आग की लपटों में घिरा हुआ दिखाया गया है।

“हर चित्र हमारी जीत को दर्शाता है,” जेलेंस्की ने कहा।

क्या अमेरिका यूक्रेन को अकेला छोड़ रहा है?
अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप की रूस के साथ वार्ता यूक्रेन को अलग-थलग कर रही है?
क्या अमेरिका वास्तव में रूस के प्रभाव में आ चुका है?

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