पोर्श कार क्रैश मामले को लेकर पुलिस तेजी से कारवाई को आगे बढ़ा रही है। पुणे पुलिस ने इस मामले में पुणे के एक जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों इस मामले को लेकर गिरफ्तार किया है। इन डॉक्टरों ने नमूनों का साथ छेड़छाड़ की है जानकारी से पता चला है की दोनों डॉक्टरों ने ब्लड सैंपल के साथ हेरफेर किया जिससे आरोपी नाबालिग को इस सजा से बचाया जा सके,19 मई की रात को पुणे में नाबालिग ने दो बाइक सवार लोगों को टक्कर मारी दी थी. जिसकी वजह से दोनो ही युवक और युवती की मौके पर मौत हो गई थी. आरोपी नाबालिग 12वीं कक्षा के नतीजों का जश्न मनाने के लिए पुणे के पबों में गया था जहां पर उसने अपने दोस्तों के साथ शराब पीने के बाद कल्याणी नगर क्षेत्र से गुजर रहा था. उसने उस समय शराब के नशे में होने की वजह से तेज रफ्तार से कार चलाई और दो बाइक सवार आईटी प्रोफेशनल्स अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को अपनी कार से टक्कर मार दी. इस घटना में दोनों की मौत हो गई थी.
पुलिस अधिकारियों से जानकारी में पता चला है कि खून के नमूनों में हेरफेर के लिए और उनको नष्ट करने के आरोप में जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख भी शामिल हैं। पोर्श के प्रतिनिधि कार का तकनीकी निरीक्षण द्वारा येरवडा पुलिस स्टेशन पहुंचे। महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार से जानकारी में पता चला है की कार को मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर द्वारा आयात किया गया था। फिर वहां से इसे अस्थायी registration करने के बाद महाराष्ट्र भेजा गया था। मालिक द्वारा 1,758 रुपये की फीस का भुगतान बाकी था किस वजह से न स्थायी पंजीकरण नहीं हो सका था।
विशाल एस.अग्रवाल नाबालिग के पिता को भी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इनके बेटे द्वारा पोर्शे कार चलाते हुए दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. अग्रवाल दो दिन के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जायेगा जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
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