तुलसी ना सिर्फ पूजा-पाठ में इस्तेमाल होती है, बल्कि ये एक ऐसा औषधीय पौधा है जो शरीर की कई बीमारियों से रक्षा करता है। चाहे वो सर्दी-जुकाम, खांसी हो या फिर सांस की तकलीफ, तुलसी हर तरह की परेशानी में फायदेमंद होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी को कंट्रोल करने में भी बेहद कारगर है?
डायबिटीज में क्यों असरदार है तुलसी?
आजकल हर दूसरा व्यक्ति डायबिटीज से जूझ रहा है, जिसकी बड़ी वजह है हमारी गलत जीवनशैली और खराब खानपान। जब शरीर में इंसुलिन का निर्माण कम होता है तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है।
ऐसे में तुलसी की पत्तियों में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglycemic) गुण और एंटीऑक्सीडेंट्स ब्लड शुगर को नैचुरली कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
ब्लड शुगर बढ़ने से होने वाले खतरे:
किडनी फेल होना
हार्ट अटैक और स्ट्रोक
आंखों की रोशनी पर असर
मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर
कैसे करें तुलसी का सेवन?
सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियां धोकर चबाएं।
एक गिलास पानी में रातभर तुलसी की पत्तियां भिगोकर रखें, सुबह उठकर वह पानी पिएं।
तुलसी की चाय बनाएं, जिसमें चीनी की जगह थोड़ा शहद मिलाएं।
तुलसी के अन्य फायदे:
सांस की बदबू से राहत दिलाती है।
तनाव (Stress) कम करने में सहायक है।
तुलसी का काढ़ा सर्दी-जुकाम और खांसी से राहत देता है।
निष्कर्ष:
तुलसी सिर्फ धार्मिक मान्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक औषधि भी है। अगर आप डायबिटीज से परेशान हैं तो रोज़ तुलसी का सेवन करके इसे प्राकृतिक रूप से कंट्रोल कर सकते हैं। सेहत के लिए इसे अपनी डेली रूटीन का हिस्सा जरूर बनाएं।
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