आयुर्वेद में सर्दी-जुकाम जैसी आम समस्याओं के लिए कई कारगर उपाय मौजूद हैं। इनमें से सबसे प्रभावी और आसानी से उपलब्ध उपायों में से एक है आयुर्वेदिक काढ़ा। ये काढ़े न सिर्फ गले की खराश में आराम देते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
1. अदरक, लहसुन और शहद का काढ़ा:
- सामग्री: अदरक का टुकड़ा, लहसुन की कली, शहद, पानी
- विधि: अदरक और लहसुन को पानी में उबालें। फिर इसे छानकर एक कप में निकाल लें। इसमें शहद मिलाकर गुनगुना पी लें।
- फायदे: अदरक और लहसुन में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
2. पीपल का काढ़ा:
- सामग्री: पीपल के पत्ते, पानी
- विधि: पीपल के पत्तों को पानी में उबालें। फिर इसे छानकर गुनगुना पी लें।
- फायदे: पीपल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो गले के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
3. सौंफ का पानी:
- सामग्री: सौंफ, पानी
- विधि: सौंफ को पानी में उबालें। फिर इसे छानकर गुनगुना पी लें।
- फायदे: सौंफ पाचन में सुधार करती है और खांसी को शांत करती है।
कुछ और उपयोगी टिप्स:
- भाप लें: गर्म पानी में कुछ बूंदें यूकेलिप्टस ऑयल मिलाकर भाप लें। इससे नाक बंद होने और गले की खराश में आराम मिलेगा।
- गरारे करें: नमक के पानी से गरारे करने से गले के बैक्टीरिया मर जाते हैं और सूजन कम होती है।
- आराम करें: पर्याप्त नींद लें और आराम करें।
- विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: संतरा, नींबू, अमरूद आदि विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
ध्यान दें:
- अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या आपको लगता है कि आपको किसी डॉक्टर की सलाह की जरूरत है तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों को किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इन घरेलू उपचारों से आपको सर्दी-जुकाम और गले की खराश से जल्द राहत मिल सकती है।
यह भी पढ़ें:-
जाने कैसे अशोक की छाल से डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर कर सकते कंट्रोल