अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वापसी के बाद एक बड़ा फैसला लेते हुए चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा की है। मंगलवार को उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें फेडरल चुनावों में वोटिंग के लिए नागरिकता प्रमाण अनिवार्य करने और चुनाव के दिन तक ही सभी मतपत्र प्राप्त करने जैसी सख्त शर्तें जोड़ी गई हैं।
नए आदेश में क्या है खास?
➡️ वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का दस्तावेजी प्रमाण अनिवार्य।
➡️ चुनाव के दिन तक ही सभी मतपत्रों की प्राप्ति मान्य होगी।
➡️ राज्यों से वोटर लिस्ट साझा करने और चुनाव अपराधों पर कार्रवाई की अपील।
➡️ जहां चुनाव अधिकारी ठीक से काम नहीं करेंगे, वहां फंडिंग रोकने की धमकी।
ट्रंप का चुनावी धांधली पर आरोप!
ट्रंप पहले से ही चुनावों में धांधली के दावे करते रहे हैं। 2020 के चुनाव में जो बाइडेन से हारने के बाद उन्होंने कई बार आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई थी। हालांकि, इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले थे।
मेल-वोटिंग पर भी ट्रंप की आपत्ति!
✅ ट्रंप ने विशेष रूप से मेल-वोटिंग को असुरक्षित बताया।
✅ उन्होंने दावा किया कि इससे धोखाधड़ी बढ़ती है।
✅ हालांकि, उनकी पार्टी के भीतर भी इसे समर्थन मिला है।
आने वाले हफ्तों में और बड़े फैसले!
ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अगले कुछ हफ्तों में और भी बड़े चुनावी सुधार लागू किए जाएंगे। इस फैसले का मतदान अधिकार संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा कड़ा विरोध होने की संभावना है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या ये बदलाव अमेरिका में चुनावों को पारदर्शी बनाएंगे या फिर एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म देंगे?
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