अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. हालांकि, उनके हाल के फैसलों से ऐसा लग रहा है कि वह यूक्रेन के बजाय रूस की शर्तों पर आगे बढ़ रहे हैं.
👉 ट्रंप ने जनरल कीथ केलॉग को रूस से वार्ता करने वाले विशेष दूत के पद से हटा दिया है.
👉 अब केलॉग सिर्फ यूक्रेन के साथ ही बातचीत करेंगे.
👉 रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को केलॉग पर आपत्ति थी, क्योंकि वे यूक्रेन समर्थक माने जाते हैं.
👉 ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि केलॉग और जेलेंस्की के बीच अच्छे संबंध हैं, इसलिए वह सिर्फ यूक्रेन से वार्ता करेंगे.
रूस के दबाव में ट्रंप?
👉 रूस की आपत्ति के बाद ही ट्रंप ने केलॉग को वार्ता से हटा दिया.
👉 पहले ट्रंप ने उन्हें रूस और यूक्रेन दोनों से बातचीत के लिए नियुक्त किया था.
👉 सऊदी अरब में हुई शांति वार्ता से भी केलॉग को दूर रखा गया था, जहां अमेरिकी और रूसी अधिकारी मिले थे.
👉 रूस को लगता था कि केलॉग ज्यादा यूक्रेन समर्थक हैं, इसलिए उन्हें वार्ता से हटाने का दबाव डाला गया.
यूक्रेन और अमेरिका के बिगड़ते रिश्ते?
👉 ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं.
👉 पिछले महीने ट्रंप ने जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ तक कह दिया था.
👉 ट्रंप के इस फैसले से यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिका अब यूक्रेन के बजाय रूस को ज्यादा तवज्जो दे रहा है.
क्या यूक्रेन अकेला पड़ जाएगा?
अब सवाल उठता है कि क्या ट्रंप के इस कदम से यूक्रेन और अमेरिका के बीच रिश्ते और बिगड़ेंगे?
यूक्रेन को अमेरिका की सैन्य और आर्थिक मदद की जरूरत है, लेकिन अगर ट्रंप रूस के प्रति नरम रुख अपनाते हैं, तो क्या यूक्रेन अपने दम पर इस युद्ध को लड़ पाएगा?
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