President Trump and Russian President Vladimir Putin talk during the family photo session at the APEC Summit in Danang, Vietnam, on Saturday.

ट्रंप ने दिया था युद्ध खत्म करने का प्रस्ताव, पुतिन ने क्यों किया इनकार?

रूस-यूक्रेन युद्ध को लगभग तीन साल होने वाले हैं और इस दौरान हजारों-लाखों लोग इस संघर्ष की भेंट चढ़ चुके हैं। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्ध को एक दिन में खत्म करने का वादा किया था, लेकिन अब रूस ने ट्रंप के समझौते के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके बाद यह सवाल उठता है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस युद्ध को समाप्त कराने के लिए शांतिदूत की भूमिका निभाएंगे?

ट्रंप ने क्या प्रस्ताव दिया था? डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने युद्ध खत्म करने के लिए रूस को एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें यूक्रेन को अगले 20 साल तक नाटो का सदस्य न बनाने का वादा किया गया था। नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) 32 देशों का राजनीतिक और सैन्य गठबंधन है। यूक्रेन लंबे समय से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहा था, और यदि वह सदस्य बन जाता तो रूस के खिलाफ नाटो के सदस्य देशों को भी सक्रिय रूप से इस युद्ध में शामिल होना पड़ता, जिससे यह संघर्ष विश्व युद्ध का रूप ले सकता था।

ट्रंप का दावा: 24 घंटे में युद्ध खत्म! चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति बने, तो 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे। ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा सीमा को असैन्य क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव भी दिया था, ताकि दोनों देशों के बीच और हमले न हों।

पुतिन ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज किया हालांकि, रूस ने ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। पुतिन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेन को नाटो सदस्य बनाने की योजना में देरी का प्रस्ताव रूस के लिए स्वीकार्य नहीं है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी इसी तरह का प्रस्ताव दिया था, और ट्रंप का प्रस्ताव भी नया नहीं है।

क्या पीएम मोदी बनेंगे युद्ध के शांतिदूत? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कह चुके हैं कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता और शांति केवल बातचीत के जरिए ही संभव है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी के मध्यस्थता करने के संकेत दिए थे। अक्टूबर में एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा था कि निश्चित रूप से पीएम मोदी इस भूमिका को निभा सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमें खुद को तैयार करने की जरूरत है।

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