यूरिक एसिड कम करने के लिए पानी में हल्दी और इन 2 चीजों का करें इस्तेमाल

आपने सही सुना है कि यूरिक एसिड के मरीजों के लिए हल्दी और सेब काफी फायदेमंद हो सकते हैं। इन दोनों ही चीजों में कई ऐसे गुण होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे:

हल्दी क्यों है फायदेमंद?

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: हल्दी में कर्क्यूमिन नामक एक तत्व होता है जो सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी होता है। यूरिक एसिड के कारण होने वाली जोड़ों की सूजन को कम करने में यह बहुत मददगार होता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट: हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में होने वाली ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करते हैं और यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
  • पाचन में सुधार: हल्दी पाचन को बेहतर बनाती है जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं।

सेब क्यों है फायदेमंद?

  • फाइबर: सेब में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन को बेहतर बनाता है और यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट: सेब में भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं।
  • पोटेशियम: सेब में पोटेशियम होता है जो शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में भी भूमिका निभाता है।

हल्दी और सेब का सेवन कैसे करें?

  • हल्दी का दूध: रोजाना सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीएं।
  • सेब का सेवन: रोजाना एक से दो सेब खाएं।
  • हल्दी और सेब का जूस: आप हल्दी और सेब का जूस भी बनाकर पी सकते हैं।
  • सलाद: सलाद में हल्दी पाउडर और सेब के टुकड़े मिलाकर खा सकते हैं।

सावधानियां

  • डॉक्टर की सलाह: किसी भी नए आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • एलर्जी: अगर आपको हल्दी या सेब से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
  • मात्रा: हल्दी का अधिक सेवन करने से पेट खराब हो सकता है। इसलिए, इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करें।

ध्यान दें: हल्दी और सेब यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं लेकिन यह कोई जादुई इलाज नहीं है। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए आपको डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए।

अन्य उपाय:

  • पानी का सेवन: भरपूर मात्रा में पानी पीएं।
  • हरी सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
  • दूध और दही: कम फैट वाले दूध और दही का सेवन करें।
  • शराब और मांस: शराब और मांस का सेवन कम करें।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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