मशहूर तबला वादक ज़ाकिर हुसैन का 15 दिसंबर को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis) नामक गंभीर फेफड़ों की बीमारी के कारण हुई।
इस दुर्लभ बीमारी का नाम सुनकर कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि यह बीमारी क्या है और इसके लक्षण क्या हैं? 50 साल की उम्र के बाद यह बीमारी अधिक आम हो जाती है और इसके लक्षण समझना मुश्किल हो सकता है।
आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है जिसमें फेफड़ों के टीश्यू धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इन क्षतिग्रस्त टीश्यूज के गाढ़े और कठोर हो जाने से फेफड़े सामान्य रूप से काम नहीं कर पाते। इस बीमारी में समय के साथ फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होती जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। इसका कारण अभी तक अज्ञात है, इसलिए इसे ‘इडियोपैथिक’ कहा जाता है।
यह स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती है और समय पर इलाज न करने पर यह घातक साबित हो सकती है।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण
IPF के लक्षण शुरू में मामूली हो सकते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- सांस फूलना: खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
- लंबे समय तक खांसी: खांसी सूखी होती है और समय के साथ बढ़ती जाती है।
- थकान और कमजोरी: छोटी-छोटी गतिविधियों में भी अत्यधिक थकान महसूस होती है।
- वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटने लगता है।
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: शरीर में दर्द और अकड़न महसूस होती है।
- फेफड़ों की समस्याएं: सांस लेने में भारीपन या फेफड़ों में दबाव महसूस होना।
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है। यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का इलाज क्या है?
IPF का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। दवाएं और थेरेपी कभी-कभी फाइब्रोसिस की प्रगति को धीमा कर सकती हैं और मरीज की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बना सकती हैं। इसके इलाज में प्रमुख तौर पर निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- दवाइयां: फेफड़ों की कार्यक्षमता को स्थिर रखने और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है।
- फिजिकल थेरेपी: रोगी की शारीरिक स्थिति सुधारने और उनकी सांस लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए व्यायाम करवाया जाता है।
- लंग ट्रांसप्लांट: जब स्थिति गंभीर हो जाती है और अन्य उपचार असफल हो जाते हैं, तब लंग ट्रांसप्लांट एक विकल्प हो सकता है।
इस बीमारी से बचाव कैसे करें?
हालांकि IPF का कोई निश्चित कारण नहीं है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है:
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है।
- शारीरिक सक्रियता बनाए रखें: नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
- स्वस्थ आहार: पोषक तत्वों से भरपूर आहार और एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन शरीर को मजबूत बनाता है।
निष्कर्ष:
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक गंभीर बीमारी है जो ज़ाकिर हुसैन जैसे महान कलाकार की असमय मौत का कारण बनी। इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर सही इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप 50 वर्ष की आयु के बाद हैं, तो फेफड़ों की नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इस बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं।