गर्मियों के दौरान पाचन तंत्र अच्छा बनाए रखना पूरे शरीर के लिए जरूरी है. गर्म और उमस भरे मौसम में हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. जिससे कब्ज, दस्त और सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स का पालन करना जरूरी है.
खाना हमारे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देती है. इसलिए हमें खाने में ऐसे फूड आइटम खाने चाहिए जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें सब्जियों, साबुत अनाज, फलियां, मेवे और बीजों से भरपूर खाने चाहिए.
पाचन में सुधार के लिए जड़ी-बूटियां और मसाले कम खाने चाहिए. आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियां. जैसे कि त्रिफला, अक्सर पाचन में सहायता और जठरांत्र प्रणाली को साफ़ करने के लिए उपयोग की जाती हैं.
मसाले की तरह दिखने वाला अदरक पाचन संबंधी लाभ पहुंचाता है. अदरक को भोजन में शामिल किया जा सकता है या कई तरीकों से पिया जा सकता है, जैसे ताज़ा अदरक की चाय. आयुर्वेद के अनुसार, जीरा, धनिया और सौंफ़ चाय या सीसीएफ चाय का उपयोग अक्सर पाचन में सहायता और गैस और सूजन से राहत के लिए किया जाता है.
दही, घर का बना अचार, छाछ, चावल कांजी और अन्य प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाना खाना चाहिए. उचित पाचन आंत बैक्टीरिया की संतुलित आबादी पर निर्भर करता है. जिसे प्रोबायोटिक्स समर्थन करते हैं.