ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए ये आटे हैं रामबाण, करे सेवन शुगर होगा कंट्रोल

डायबिटीज यानी शुगर एक ऐसी बीमारी है जो आजकल बहुत आम हो गई है। इस बीमारी में शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। शुगर को नियंत्रित करने के लिए डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे आटे के बारे में जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

1. ओट्स का आटा

ओट्स में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। फाइबर ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देता है और लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। ओट्स का आटा आप दलिया, पराठा या पैनकेक बनाकर खा सकते हैं।

2. जौ का आटा

जौ का आटा भी फाइबर से भरपूर होता है। यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है। जौ का आटा आप रोटी, पराठा या खीर बनाकर खा सकते हैं।

3. बाजरे का आटा

बाजरे का आटा भी फाइबर से भरपूर होता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद करता है। बाजरे का आटा आप रोटी, पराठा या खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं।

4. मक्के का आटा

मक्के का आटा भी फाइबर से भरपूर होता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है। मक्के का आटा आप रोटी, पराठा या पकौड़े बनाकर खा सकते हैं।

इन आटों को खाने के फायदे:

  • ब्लड शुगर नियंत्रण: ये सभी आटे फाइबर से भरपूर होते हैं जो ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देते हैं।
  • वजन घटाने में मदद: ये आटे आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं जिससे आप कम खाते हैं और वजन कम होता है।
  • पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है: इन आटों में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • हृदय रोगों का खतरा कम करता है: ये आटे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

कैसे करें इनका सेवन:

आप इन आटों को अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल कर सकते हैं। आप इनसे रोटी, पराठा, पैनकेक, खीर या दलिया बनाकर खा सकते हैं। आप इन आटों को अन्य आटों के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

ध्यान दें:

  • किसी भी आहार में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • इन आटों को खाने के साथ-साथ आपको नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।
  • एक संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ली जानी चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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