गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। डॉक्टर और एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान सही खानपान के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी और योगासन (Yoga Asanas) करना न केवल मां के लिए बल्कि बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है।
डॉक्टर के अनुसार, प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से कुछ आसान योगासन करने से न केवल शरीर लचीला और मजबूत बनता है, बल्कि डिलीवरी के समय होने वाली जटिलताओं को भी कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन से योगासन गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं।
🧘♀️ 1. मार्जरी आसन (Cat-Cow Stretch)
फायदे:
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को पीठ और कमर दर्द की शिकायत होती है।
मार्जरी आसन करने से रीढ़ की हड्डी (spine) लचीली रहती है और कमर दर्द में राहत मिलती है।
यह आसन रक्त संचार (blood circulation) को बेहतर बनाता है, जिससे डिलीवरी के समय आसानी होती है।
कैसे करें:
घुटनों के बल बैठें और हथेलियों को ज़मीन पर रखें।
सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर झुकाएं और सिर को ऊपर उठाएं।
सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर की ओर गोल करें और ठुड्डी को छाती की ओर ले जाएं।
इसे 10-15 बार दोहराएं।
🧘♀️ 2. बद्धकोणासन (Butterfly Pose)
फायदे:
यह आसन प्रजनन अंगों (reproductive organs) को मजबूत बनाता है।
इससे पेल्विक एरिया (pelvic area) में खिंचाव आता है, जो डिलीवरी के समय मदद करता है।
इससे जांघों और कूल्हों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
कैसे करें:
जमीन पर बैठ जाएं और पैरों के तलवों को आपस में जोड़ें।
पैरों को पकड़कर धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर-नीचे हिलाएं जैसे तितली के पंख।
इसे 5-10 मिनट तक करें।
🧘♀️ 3. वीरभद्रासन (Warrior Pose)
फायदे:
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है।
वीरभद्रासन करने से पैर, पीठ, और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
यह आसन थकान और ब्लोटिंग (सूजन) को भी कम करता है।
कैसे करें:
सीधे खड़े होकर एक पैर को आगे और दूसरा पीछे फैलाएं।
आगे के घुटने को मोड़ें और दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और फिर पैर बदलें।
इसे 8-10 बार दोहराएं।
🧘♀️ 4. अनुलोम विलोम (Alternate Nostril Breathing)
फायदे:
गर्भावस्था के दौरान मानसिक तनाव होना आम बात है।
अनुलोम विलोम करने से दिमाग शांत रहता है और तनाव (stress) कम होता है।
यह मेंटल हेल्थ (mental health) को बेहतर बनाता है और नींद में सुधार करता है।
कैसे करें:
आरामदायक स्थिति में बैठें।
दाएं नथुने को अंगूठे से बंद करें और बाएं नथुने से गहरी सांस लें।
फिर बाएं नथुने को बंद करके दाएं नथुने से सांस छोड़ें।
इसे 5-10 मिनट तक करें।
🥗 प्रेगनेंसी के दौरान खानपान का भी रखें विशेष ध्यान:
डॉक्टर बताती हैं कि योगासन के साथ-साथ संतुलित आहार (balanced diet) भी जरूरी है। सही खानपान से मां और बच्चे दोनों की सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
डाइट में शामिल करें:
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां।
आयरन युक्त चीजें: चुकंदर, अनार, पालक, गुड़, दालें।
प्रोटीन स्रोत: दालें, अंडे, सोयाबीन, नट्स।
विटामिन-सी: संतरा, नींबू, आंवला इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए।
पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
इन चीजों से बचें:
अधिक तला-भुना भोजन, ज्यादा मीठा और नमकीन चीजें।
कैफीन और जंक फूड का सेवन सीमित करें।
धूम्रपान और शराब से पूरी तरह परहेज करें।
⚠️ महत्वपूर्ण सावधानियां:
किसी भी योगासन को करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
यदि चक्कर, सांस लेने में तकलीफ, या किसी प्रकार की असुविधा हो तो योगासन तुरंत रोक दें।
योगासन धीरे-धीरे और आरामदायक गति से करें, किसी भी प्रकार का जोर न डालें।
🌸 निष्कर्ष:
प्रेगनेंसी के दौरान योगासन और सही खानपान अपनाकर आप न केवल खुद को फिट रख सकती हैं बल्कि आपकी डिलीवरी भी आसान हो सकती है। योग से शरीर में लचीलापन, मानसिक शांति और शारीरिक ताकत बढ़ती है, जो इस खूबसूरत सफर को और भी सहज बना देती है।
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