टी-सीरीज का नाम आज पूरी दुनिया में मशहूर है। इस कंपनी के बैनर तले भारत की हर भाषा में गाने बनाए जाते हैं। इसकी नींव दिवंगत गुलशन कुमार ने रखी थी। गुलशन कुमार की मौत आज भी एक रहस्य और चर्चा का विषय है, क्योंकि उनकी मौत नेचुरल नहीं बल्कि हत्या थी, जिसमें अंडरवर्ल्ड का हाथ बताया गया।
कैसे बनी टी-सीरीज दुनिया की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी?
5 मई 1951 को दिल्ली में जन्मे गुलशन कुमार एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते थे। शुरुआत में उन्होंने दिल्ली में जूट की दुकान चलाई, फिर ऑडियो कैसेट और टेप रिकॉर्डर रिपेयर का काम किया। यहीं से उनके सफर की असली शुरुआत हुई। उन्होंने भजनों के कैसेट बनाकर महज 10 रुपये में बेचना शुरू किया और जल्द ही ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्री’ की स्थापना की। कंपनी का हेड ऑफिस नोएडा में था और बाद में इसका नाम बदलकर टी-सीरीज रखा गया।
गुलशन कुमार ने मुंबई में भी ऑफिस खोला और 1985 से 1988 के बीच सोनू निगम, कुमार सानू, अलका यागनिक, अनुराधा पौडवाल और उदित नारायण जैसे दिग्गज सिंगर्स को ब्रेक दिया। कुछ ही सालों में टी-सीरीज देश की टॉप म्यूजिक कंपनियों में शामिल हो गई।
गुलशन कुमार की हत्या कैसे हुई?
गुलशन कुमार भगवान शिव और वैष्णो देवी के बड़े भक्त थे और साल में दो बार वैष्णो देवी में भंडारे का आयोजन करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें काफी समय से अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिल रही थीं। डॉन अबू सलेम ने उनसे 5 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन गुलशन कुमार ने साफ कहा था कि वो ये पैसे वैष्णो देवी में दान करेंगे। 12 अगस्त 1997 को, रोज की तरह मंदिर से लौटते वक्त उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। उनके ड्राइवर ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें:
स्मार्टफोन पर भी लगेगी ‘रिपेयर रेटिंग’: जानिए क्या है सरकार की नई योजना