आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा – जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों, ड्रोन ने हमला हमला बोला तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने एक प्रकार से ग्लोबल आतंक की युनिवर्सिटी रही है। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं उन सब के तार कहीं न कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़े हैं। चाहे 9/11 हो या भारत में दशकों से जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं उन सबके तार कहीं न कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़े हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्टर उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया।

आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है लेकिन जब देश एकजुट होता है, राष्ट्र प्रथम की भावना से भरा होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

“भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था। पाकिस्तान बौखला गया था और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूल, कॉलेज, गुरुद्वारों, मंदिरों और सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया। उन्होंने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया। दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और मिसाइलें भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गई थी। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया।”

“भारत के ड्रोन, मिसाइलों ने सटीकता से हमला किया, पाकिस्तानी वायुसेना के एयरबेस को नुकसान पहुंचाया जिसपर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले 3 दिनों में ही पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था। भारत की आक्रमक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते तलाशने लगा… इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया, तब तक हम बड़े पैमाने पर आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह कर चुके थे, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंकी अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था इसलिए जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उसपर विचार किया।”