“सर्दियों में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ा: जानिए इससे बचने के उपाय”

सर्दियों में तापमान में गिरावट से शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें से एक गंभीर और खतरनाक समस्या है हाइपोथर्मिया। यह एक ऐसी स्थिति है, जब शरीर का तापमान सामान्य से बहुत कम हो जाता है और इससे शरीर के अंगों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। हाइपोथर्मिया का इलाज न मिलने पर यह गंभीर परिणाम दे सकता है, जैसे हार्ट अरेस्ट। इस मौसम में इस बीमारी के बारे में जानना और बचाव के उपायों को समझना बेहद जरूरी है।

हाइपोथर्मिया क्या है?
हाइपोथर्मिया तब होता है जब शरीर का तापमान 95°F (35°C) से कम हो जाता है। शरीर को सामान्य तापमान पर बनाए रखने के लिए ऊर्जा और गर्मी की जरूरत होती है। जब शरीर इसके लिए पर्याप्त गर्मी उत्पन्न नहीं कर पाता है, तो हाइपोथर्मिया की स्थिति उत्पन्न होती है। सर्दी में, खासकर अत्यधिक ठंडे मौसम में लंबे समय तक बाहर रहने से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

हाइपोथर्मिया क्यों होता है?
हाइपोथर्मिया कई कारणों से हो सकता है:

सर्दियों में लंबे समय तक बाहर रहना: यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक ठंडी हवा में या खुले आसमान के नीचे रहता है तो उसका शरीर गर्मी को बनाए नहीं रख पाता और हाइपोथर्मिया हो सकता है।
गर्म कपड़े पहनने की आदत न होना: सर्दी में शरीर को गर्म रखने के लिए उचित कपड़े पहनना जरूरी है। अगर यह नहीं किया जाता तो शरीर का तापमान कम हो सकता है।
हार्ट की बीमारियां: जो लोग पहले से हृदय रोग से पीड़ित होते हैं, उन्हें हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक हो सकता है।
शरीर का तापमान लंबे समय तक कम रहना: यदि शरीर लंबे समय तक ठंड में रहता है, तो हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण
हाइपोथर्मिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

कंपकंपी होना: शरीर का ठंड से कांपना एक सामान्य लक्षण है।
बहुत तेज ठंड लगना: शरीर में ठंड का असहनीय अहसास होना।
सिर में तेज दर्द: ठंड के कारण सिर में तेज दर्द होना।
बेहोशी: शरीर का तापमान अत्यधिक गिरने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
थकान: अत्यधिक थकान और कमजोरी का अहसास होना।

हाइपोथर्मिया खतरनाक क्यों है?
हाइपोथर्मिया से शरीर के कई अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। जब शरीर का तापमान गिरता है, तो हृदय, नर्वस सिस्टम, और अन्य अंगों की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न होती है। अगर उपचार नहीं किया जाता, तो हाइपोथर्मिया के कारण हृदय गति रुक सकती है, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। यह स्थिति मौत का कारण भी बन सकती है।

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ के अनुसार, सर्दी में जो लोग लंबे समय तक बाहर रहते हैं या खुले में सोते हैं, उन्हें हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक होता है। इससे होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण यह बीमारी होती है।

हाइपोथर्मिया से बचाव के उपाय
सर्दियों में हाइपोथर्मिया से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

शरीर को गर्म रखें: सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनें और समय-समय पर गर्म पानी या चाय पिएं।

कम तापमान में बाहर निकलने से बचें: विशेष रूप से सुबह और शाम के ठंडे समय में बाहर निकलने से बचें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो गर्म कपड़े पहनकर जाएं।

गर्म वस्त्र पहनें: हल्के कपड़े पहनने की बजाय गर्म वस्त्र पहनें जो शरीर को ठंड से बचाए रखें।

नियमित व्यायाम करें: शरीर को गर्म रखने के लिए नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें। यह रक्त संचार को बेहतर बनाए रखता है और शरीर को ठंड से बचाता है।

ठंडे मौसम में सावधानी बरतें: लंबे समय तक ठंडे मौसम में बाहर रहने से बचें। यदि यह आवश्यक हो तो शरीर को गर्म रखने के लिए नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।

निष्कर्ष
सर्दियों में हाइपोथर्मिया एक गंभीर और खतरनाक स्थिति हो सकती है, जो शरीर के तापमान के अचानक गिरने से उत्पन्न होती है। इसे नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है, खासकर यदि व्यक्ति पहले से हार्ट डिजीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त है। इसलिए, सर्दी में ठंड से बचाव के उपायों को अपनाना और अपने शरीर का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

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