कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल करण सिंह ने ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ विधानसभा चुनाव कराये जाने को लेकर बुधवार को संतुष्टि जाहिर की और जोर देकर कहा कि अगला तार्किक कदम केंद्र शासित प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना है। उन्होंने संपत्ति अधिग्रहण के संबंध में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रचलित प्रावधानों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी अधिवास प्रावधान लागू किए जाने की मांग की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व सदर-ए-रियासत सिंह ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कश्मीर में जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू में शानदार प्रदर्शन किया।
सिंह (93) ने एक बयान में कहा, “भाजपा हालांकि कश्मीर में और कांग्रेस जम्मू में लगभग खाली हाथ रही। इस प्रकार दोनों क्षेत्रों के बीच एक स्पष्ट और तीव्र राजनीतिक विभाजन है, जिसे प्रशासनिक रूप से दूर करना नई सरकार के लिए एक चुनौती होगी।”
सिंह ने कहा कि यह बेहद संतोष की बात है कि दस साल के लंबे अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर में बिना किसी अप्रिय घटना के ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ चुनाव हुए। उन्होंने कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग और सुरक्षा बल बधाई के पात्र हैं।
सिंह ने कहा, “मैं उमर अब्दुल्ला को इस सप्ताह के अंत में सरकार बनाने पर हार्दिक बधाई देता हूं और उनके सफल कार्यकाल की कामना करता हूं।”
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि अगला तार्किक कदम जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना है।
सिंह ने कहा, “यह भारत सरकार की उच्चतम न्यायालय के प्रति प्रतिबद्धता रही और मैं आग्रह करूंगा कि इसे बिना किसी देरी के किया जाना चाहिए जब राजनीतिक माहौल अभी भी जीवंत है।”
सिंह ने कहा कि संपत्ति अधिग्रहण के संबंध में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रचलित प्रावधानों की तर्ज पर अधिवास प्रावधान लागू किए जाने चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व शासक हरि सिंह के पुत्र सिंह ने कहा, “उपराज्यपाल शासन के दौरान किए गए कार्यों को आगे बढ़ाते हुए नई सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रशासनिक अनुशासन जारी रहे और भ्रष्ट आचरण की कोई जगह न हो। ”
सिंह ने कहा कि अब मेरी आशा है कि मेरे पूर्वजों द्वारा बनाया गया सुंदर राज्य सद्भाव और सर्वांगीण विकास के एक नए चरण में आगे बढ़ेगा।
नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने 2019 में अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए पहले चुनावों में जीत हासिल की।
विधानसभा चुनाव में नेकां ने 51 सीट पर चुनाव लड़ा और 42 सीट के साथ बड़ी जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ छह सीट पर जीत मिली।
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