केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. 25 अगस्त को उन्होंने ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बैठक ली. उन्होंने कहा कि अब ड्रग ट्रैफिकिंग का ट्रेंड बदल रहा. स्मगलर नेचुरल ड्रग से सिंथेटिक ड्रग की ओर बढ़ रहे हैं. यह ड्रग्स कम मात्रा में आती है और इसकी कीमत सबसे ज्यादा होती है. छत्तीसगढ़ में गांजे के नशे का 4.98 प्रतिशत इस्तेमाल होता है. यह राष्ट्रीय औसत से 2.83 प्रतिशत ज्यादा है. यह हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें देखना पड़ेगा कि बड़ी मात्रा में गांजा, चरस, ड्रग्स कहां से आता है, किसके माध्यम से इस्तेमाल होता है. छत्तीसगढ़ में कई पुनर्वास केंद्र चल रहे हैं. पुनर्वास को और बेहतर करने की चिंता करनी चाहिए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गांजे की तस्करी आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से होती है. एनसीबी इसकी जांच वैज्ञानिक तरीके से करे. हमें ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क तोड़ना होगा. हमें ऊपर से लेकर नीचे तक काम करना होगा. जब तक आप पूरी तरीके से चैन समाप्त नहीं करते हैं, तब तक नेटवर्क को ध्वस्त नहीं कर सकते. हमारा उद्देश्य नेटवर्क ध्वस्त करना होना चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 2047 में आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी. हमने देश को नशे से मुक्त करने का संकल्प लिया है.