इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जिस प्रकार से धर्मांतरण किया जा रहा है, अगर यह जारी रहा तो देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में एससी/एसटी और आर्थिक रूप से गरीब व्यक्तियों का ईसाई धर्म में अवैध धर्मांतरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने धर्मांतरण कराने के आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने का मुकदमा दर्ज
हमीरपुर के थाना मौदहा में याची कैलाश पर अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। शिकायतकर्ता रामकली प्रजापति के भाई रामफल को कैलाश हमीरपुर से दिल्ली में सामाजिक समारोह और कल्याण समारोह में भाग लेने के लिए ले गया था। एफआईआर के अनुसार, उक्त गांव के कई लोगों को समारोह में ले जाया गया और उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। शिकायतकर्ता का भाई मानसिक बीमारी से पीड़ित भी था।
सभा के माध्यम से धर्म परिवर्तन करवाया
याची अधिवक्ता ने कहा कि याची ने शिकायतकर्ता के भाई का धर्मांतरण नहीं किया था। सोनू पास्टर ही ऐसी सभा कर रहा था और उसे पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है। वहीं, राज्य की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता पीके गिरी ने कहा कि ऐसी सभा आयोजित कर बड़ी संख्या में लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है। कैलाश लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए गांव से ले जा रहा था और इस कार्य के लिए उसे बहुत सारा पैसा दिया जा रहा था।
सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के मामले में जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नहीं होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि अग्निशमन विभाग ने विभिन्न प्रतिष्ठानों को नोटिस देने के अलावा अब तक क्या किया है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं विकास बुधवार की खंडपीठ ने विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों में विधि छात्र छात्राओं की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।