ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का अब सीधा असर पाकिस्तान पर दिखने लगा है। बलूचिस्तान प्रांत में ईंधन संकट इतना गंभीर हो गया है कि पेट्रोल पंपों पर ताले लग गए हैं और लोगों को घंटों लाइन में लगने के बावजूद खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
🇮🇷 ईरानी तेल पर थी निर्भरता, अब बंद हुई सप्लाई
बलूचिस्तान के कई जिले ईरान से आने वाले सस्ते तस्करी वाले तेल पर निर्भर थे। जैसे ही ईरान से तेल आना बंद हुआ, रविवार से पेट्रोल पंपों ने कामकाज बंद कर दिया। पंजगुर, ग्वादर, चगई जैसे सीमावर्ती जिलों में हालात बिगड़ गए हैं।
🚧 सीमा सील, राशन और तेल दोनों की मार
सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान सरकार ने ईरान से सटी सीमाओं को सील कर दिया है।
ग्वादर का गब्द-कालातो बॉर्डर प्वाइंट जो ईरानी तेल का मुख्य रूट था, अब अनिश्चितकाल के लिए बंद है।
इसका असर खाद्य आपूर्ति पर भी पड़ रहा है।
📍 60-70% पेट्रोल पंप बंद, हालात बिगड़े
तुरबत, ग्वादर, पंजगुर, चगई, वाशुक, और मश्केल जैसे इलाकों में 60-70% पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। यहां की जिंदगी पूरी तरह से ईरानी तेल और सीमावर्ती व्यापार पर टिकी हुई थी।
⛽ केंद्र सरकार ने भी मारा झटका – तेल के दाम बढ़े
तेल संकट के बीच पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया है:
पेट्रोल ₹4.80 प्रति लीटर महंगा
डीज़ल ₹7.95 प्रति लीटर महंगा
इससे आम जनता पर दोहरी मार पड़ी है।
📢 सरकार बोली – अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती होगी
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने सफाई दी कि क्वेटा जैसे बड़े शहरों में ईंधन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले तस्करी से तेल बेचते थे, वही अब अफवाह फैला रहे हैं।
“ईरानी तेल बेचने वाले सुरक्षा के लिए खतरा हैं, उन पर कार्रवाई ज़रूरी है।”
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