गाज़ा में जंग की 18 महीने लंबी कहर भरी कहानी अब अपने सबसे भयानक मोड़ पर है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, गाज़ा में 90 प्रतिशत से अधिक घर तबाह हो चुके हैं। यानी अब वहां कोई ऐसा ठिकाना नहीं बचा जिसे “घर” कहा जा सके। 15 लाख से अधिक फिलिस्तीनी खुले आसमान के नीचे या अस्थायी टेंटों में जीने को मजबूर हैं।
लेकिन इतने भीषण हालात के बावजूद, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। शनिवार शाम को सब्बाथ के बाद दिए अपने संदेश में उन्होंने साफ कहा कि ये जंग हमास के खात्मे और “पूर्ण विजय” तक जारी रहेगी।
🔥 “कैदियों की रिहाई नहीं, अब सिर्फ हमास का खात्मा!”
नेतन्याहू ने किसी भी प्रकार की कैदी अदला-बदली की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने दो टूक कह दिया –
“हम पीछे नहीं हटेंगे। जब तक हमास का अंत नहीं होगा, तब तक जंग जारी रहेगी। ताकि 7 अक्टूबर जैसी त्रासदी दोबारा न हो।”
उनका ये बयान उन तमाम वैश्विक अपीलों और प्रदर्शनकारियों के दबाव के बावजूद आया है, जो इज़राइल से युद्धविराम की मांग कर रहे हैं।
🧨 हमास पर सख्त आरोप – “वो डील नहीं, अड़चन चाहता है”
इज़राइली पीएम का दावा है कि हमास किसी समझौते में रुचि नहीं रखता बल्कि गाज़ा पट्टी से इज़राइली सेना की वापसी की मांग कर हालात और बिगाड़ रहा है।
“सेना अगर पीछे हटी, तो गाज़ा पर नियंत्रण का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा।”
🔒 सीमा सुरक्षा की नई रणनीति – अब हिज़्बुल्लाह, सीरिया और मिस्र भी निशाने पर
इज़राइल न सिर्फ हमास से बल्कि लेबनान स्थित हिज़्बुल्लाह से भी हथियार छोड़ने की मांग कर रहा है। सीरिया में भी सैन्य ऑपरेशन्स के ज़रिए बफर ज़ोन बनाए जा रहे हैं।
इसके अलावा, सिनाई क्षेत्र से मिस्र की सेना की वापसी की मांग कर इज़राइल साफ कर रहा है कि उसे अपने आसपास कोई भी सशस्त्र खतरा मंज़ूर नहीं।
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