आईटी हब के तौर पर उभरे बेंगलुरु शहर में देश की पहली हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन बनने जा रही है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने 5 सितंबर को दो चेयर-कार हाई-स्पीड ट्रेनों के निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की। स्टेनलेस स्टील कारबॉडी ट्रेनों की अधिकतम गति 280 किमी प्रति घंटा और परिचालन गति 250 किमी प्रति घंटा होगी। बोली जमा करने की अंतिम तिथि गुरुवार को थी। ट्रेन में मानक 3+2 सीटिंग व्यवस्था वाली सात बोगियां और 2+2 सीटिंग वाली एक कार्यकारी बोगी होगी। सूत्रों के मुताबिक, कुल बैठने की क्षमता लगभग 174 होने की उम्मीद है। यात्रियों की मांग के आधार पर, भविष्य में ट्रेन में 12 या 16 बोगियां और जोड़ी जा सकती हैं। दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे निर्यात बाजारों पर नजर रखते हुए, ट्रेनों को मानक गेज ट्रैक के लिए बनाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन का निर्माण बीईएमएल के बेंगलुरु स्थित प्लांट में किया जाएगा। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने बताया कि केवल बीईएमएल ने दो आठ-कार ट्रेन सेट बनाने के लिए बोली प्रस्तुत की है, और टेंडर को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। चूंकि यह केवल दो ट्रेनों के लिए एक छोटा ऑर्डर है, इसलिए अन्य रोलिंग स्टॉक निर्माता भाग लेने के लिए उत्सुक नहीं थे। हमारा लक्ष्य 2.5 वर्षों में निर्माण कार्य को पूरा करना है।
शुरुआत में इस लाइन पर जापानी शिंकानसेन ट्रेनें (320 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन गति) चलने की उम्मीद थी। हालांकि, जापानी फर्मों द्वारा बीडिंग में अधिक कीमत के कारण, केंद्रीय रेल मंत्रालय ने घरेलू स्तर पर हाई-स्पीड ट्रेनें विकसित करने का फैसला किया। मेधा अब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की क्षमता वाली प्रोपल्शन तकनीक विकसित करेगी, जबकि बीईएमएल ऐसी गति को झेलने के लिए कारबॉडी संरचना विकसित करेगी। बीईएमएल-मेधा द्वारा इस परियोजना के लिए एक यूरोपीय डिजाइन सलाहकार को नियुक्त करने की उम्मीद है।
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