वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के बजट में कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया है और राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। पिछले वित्त वर्ष में, संशोधित अनुमानों के अनुसार राजकोषीय घाटा 5.6 प्रतिशत था।
बजट निर्माण में वित्त वर्ष 2024-25 में चालू कीमतों पर जीडीपी में 10.50 की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। बजट पत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में करीब 3,26.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के करीब 2,95.36 लाख करोड़ रुपये (अस्थायी अनुमान) की तुलना में 10.50 प्रतिशत अधिक है।
बजट अनुमानों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में केंद्र की शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये, कर-भिन्न प्राप्तियां लगभग 5.46 लाख करोड़ रुपये तक रहेंगी तथा पूंजी प्राप्तियां 16.91 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
पूंजी गत प्राप्तियों में उधार और अन्य देयताताओं के मद में प्राप्तियां 16.13 लाख करोड़ रुपये अनुमानित हैं।
विनिवेश से 50 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है, जो अंतरिम बजट के अनुमान के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष में विनिवेश से 33122 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
चालू वित्त वर्ष में सरकार के कुल 4820512 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय में राजस्व खाते पर व्यय 3709401 करोड़ रुपये, ब्याज भुगतान पर 1162940 करोड़ रुपये तथा पूंजीगत सम्पत्तियों के सृजन के लिए अनुदानों पर 3.91 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान है।
बजट प्रस्तावों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.9 प्रतिशत के रहेगा।
सरकार की वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाने की राह पर आगे और प्रगति का विश्वास जताते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा चालू वित्त वर्ष में सरकार दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से बाजार से सकल 14.01 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटायेगी। वर्ष के दौरान जुटाया गया कर्ज शुद्ध रूप में 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि 2021 में उन्होंने राजकोष को मजबूत बनाने की जो वृहद योजना प्रस्तुत की, उससे अर्थव्यवस्था की बहुत अच्छी सेवा हुई है, और सरकार अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखेगी।
बुनियादी आर्थिक, सामाजिक और अनुसंधान एवं विकास ढांचे को बढ़ाने की योजनाओं के साथ बजट में 11 लाख 11,111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है जो जीडीपी के 3.4 प्रतिशत के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों के अनुसार 2023-24 में पूंजीगत व्यय 9.49 लाख करोड़ रुपये था।
पूंजीगत व्यय के लिये राजस्व खाते से दिये गये अनुदानों को जोड़ दें, तो वर्ष के दौरान प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.02 लाख करोड़ रुपये तक रहेगा।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 16.13 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी के 4.9 प्रतिशत के बराबर) रहने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष, संशोधित अनुमानों में 16.54 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी के 5.6 प्रतिशत) के बराबर था।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले पांच साल तक अवसंरचना विकास को अपना ठोस समर्थन बनाये रखेगी।
बजट में राज्यों को अवसंरचना विकास के लिये 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त दीर्घकालिक ऋण का प्रावधान किया गया है।
बजट में केंद्र सरकार को करों से शुद्ध प्राप्ति प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे चरण में ग्रामीण इलाकों में 25,000 छोटी बस्तियों तक सड़क पहुंचाने का लक्ष्य है।
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