निर्देशक: अमित जोशी और आराधना साह
कलाकार: शाहिद कपूर, कृति सेनन, धर्मेंद्र, डिंपल कपाड़िया, राकेश बेदी, अनुभा फतेहपुरिया, राजेश कुमार, राशुल टंडन
रेटिंग: 3.5
अवधि: 143 मिनट
इंडियन सिनेमा में रोमांस के स्पेशल जॉनर हैं, हम सभी को हर तरह की रोमांटिक फिल्मे पसंद हैं, और फिल्ममेकर हर बार फेन्स के लिए कुछ नया पेश करने की कोशिश करते हैं, ऐसा ही कुछ आपको शाहिद कपूर और कृति सेनन की फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ देखकर भी महसूस होगा. फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा हैं, जो इंसान और मशीन के बीच के रोमांस को दिखाता हैं, और बहुत ही अच्छी फिल्म हैं, जिसे आप पुरे परिवारी के साथ बैठ कर देख सकते हैं,
इस फिल्म की कहानी भी एकदम हटके ही है. ये स्टोरी है आर्यन अग्निहोत्री (शाहिद कपूर) और सिफरा (कृति सेनन) की हैं. वैसे तो दोनों की पसंद-नापसंद एक दूसरे से काफी मिलती-जुलती हैं, लेकिन बाकी चीजों में बेहद अलग हैं. क्योंकि आर्यन एक इंसान है और सिफरा एक हाईली इंटेलिजेंट रोबोट.
आर्यन एक रोबॉटिक्स इंजीनियर है, जो मुंबई के एक बड़े ऑफिस में काम करता है. उसकी जिंदगी काफी अच्छी चल रही होती हैं, लेकिन उसे एक पार्टनर की जरूरत महसूस होती हैं, वैसे उसे शादी की कोई जल्दी नहीं हैं, लेकिन उसकी इमोशनल मां शर्मिला (अनुभा फतेहपुरिया) उसकी शादी का ख्वाब सजा चुकी है. इसलिए उसका बचना काफी मुश्किल है.
आर्यन अपनी मौसी उर्मिला (डिम्पल कपाड़िया) के बेहद करीब है. उन्हीं की कंपनी की ब्रांच में वो काम भी करता है. उर्मिला उसे अपने अपने यूएस वाली ऑफिस में एक प्रोजेक्ट पर काम करने के बहाने बुलाती है. वहां पहुंचकर उर्मिला के घर में आर्यन की मुलाकात सिफरा से होती है. सिफरा की बातें, उसके हाव भाव और उसकी प्यारी हरकतों पर आर्यन अपना दिल हार बैठता है. बाद में उसे पता चलता है कि सिफरा इंसान नहीं रोबोट है. तब वो खुद को चीटेड महसूस करता है. लेकिन प्यार हो चुका है, तो उसपर किसका जोर है. बस अपनी फीलिंग्स के चलते आर्यन, सिफरा को टेस्टिंग के बहाने इंडिया लेकर आता है और उससे शादी करता है. अब सिफरा रोबोट है तो कुछ न कुछ गड़बड़ होनी तो पक्की है.
डायरेक्टर अमित जोशी और आराधना शाह की बनाई फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ काफी लाइट हार्टेड है. इसकी कहानी काफी अलग और मजेदार है. इसमें मौज-मस्ती के साथ काफी सही जोक्स हैं, जिन्हें सुनकर आपको सही में हंसी आती है. स्पेशल इफेक्ट्स भी शानदार हैं. अमित और आराधना का निर्देशन काफी बढ़िया है. उन्होंने बहुत सिम्पल और फन तरीके से अपनी फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाया है. आप आर्यन के सिफरा को लेकर स्ट्रगल को समझते हो. उसका कंट्रोल अपने इमोशन्स पर नहीं है, तो वो वही करता जा रहा है जो एक प्यार में पागल इंसान अपने टॉक्सिक पार्टनर के साथ करता है, सच्चाई को इग्नोर!
आर्यन के किरदार में शाहिद कपूर ने काफी अच्छा काम किया है. उनका मस्तमौला और रोमांटिक अवतार देखना काफी रिफ्रेशिंग था. सिफरा के रोल में कृति सेनन जमी हैं. बिना इमोशन का रोबोट बनना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इस रोल को बखूबी निभाया है. शाहिद कपूर और कृति सेनन की केमिस्ट्री इस फिल्म में कमाल है. दोनों एक साथ जबरदस्त फिट होते हैं. उनका रोमांस देकर आपका रोमांस करने का मन करने लगेगा. वैलेंटाइन वीक में देखने के लिए ये फिल्म काफी सही है.
फिल्म में हमें धर्मेंद्र, डिम्पल कपाड़िया, राकेश बेदी, राजेश कुमार, अनुभा फतेहपुरिया, आशीष वर्मा, ग्रूशा कपूर और राशुल टंडन की शानदार एक्टिंग देखने को मिलती हैं.
फिल्म का म्यूजिक बहुत ही शानदार हैं, एक गाने पर आपको डांस करने का मूड करता हैं. कहा जाता हैं, प्यार में लॉजिक नहीं चलता, सिर्फ इमोशन चलते हैं, ये फिल्म आपके साथ कनेक्ट करेगी, फिल्म का क्लाइमैक्स अच्छा है.