सरकार ने दूरसंचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार परियोजनाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। इसमें से अधिकांश राशि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए निर्धारित की गई है।
कुल प्रस्तावित आवंटन में से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बीएसएनएल और एमटीएनएल से संबंधित खर्चों के लिए हैं, जिसमें बीएसएनएल में प्रौद्योगिकी उन्नयन और पुनर्गठन के लिए 82,916 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है।
बजट के अनुसार, “बजट अनुमान 2024-25 में इस मांग के लिए कुल शुद्ध आवंटन 1,28,915.43 करोड़ रुपये (1,11,915.43 करोड़ रुपये और 17,000 करोड़ रुपये) है। 17,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान ‘यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड’ के तहत उपलब्ध शेष राशि से पूरा किया जाता है और इसका उपयोग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को मुआवजा, भारतनेट और अनुसंधान एवं विकास जैसी योजनाओं के लिए किया जाएगा।”
बजट में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के पेंशन लाभ के लिए 17,510 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारी भी शामिल हैं।
सरकार ने एमटीएनएल बॉन्ड की मूल राशि के भुगतान के लिए 3,668.97 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है।
बजट में प्रौद्योगिकी विकास एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए 34.46 करोड़ रुपये, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना के लिए 70 करोड़ रुपये तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए 1,806.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आवंटन के अलावा, सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में मदरबोर्ड (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मैं निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।”
दूरसंचार पीसीबी निर्माण के लिए मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, संचार उपकरणों के विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों को छूट के साथ आती है।
वित्त मंत्री ने 25 खनिजों जैसे लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से दो पर मूल सीमा शुल्क कम किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा, “इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा तथा इन रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।”
जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने कहा, “दूरसंचार उपकरणों के लिए पीसीबी असेंबली पर बढ़ी हुई बीसीडी स्थानीय निर्माताओं का समर्थन करती है और दूरसंचार ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) के लिए लागत कम करती है। यह उद्योग को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उत्साहित करेगा।”
जीएक्स ग्रुप दूरसंचार पीएलआई योजना के लाभार्थियों में से एक है।
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