बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी सांसद कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर बैन की तलवार लटक रही है। खबरें हैं कि कांग्रेस शासित तेलंगाना में सरकार फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला ले सकती है। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हाल ही में SGPC यानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी फिल्म प्रोड्यूसर को लीगल नोटिस भेजा था।
तेलंगाना में बैन पर विचार कर सकती है सरकार
तेलंगाना सिख सोसाइटी के 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान फिल्म में सिख समुदाय के चित्रण पर चिंता जाहिर की गई थी। आरोप लगाए जा रहे थे कि फिल्म में समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। खास बात है कि तेलंगाना में सिख समुदाय कुल आबादी का दो फीसदी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को वादा किया है कि उनकी सरकार इमरजेंसी फिल्म पर बैन लगाने पर विचार करेगी। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शब्बीर ने कहा, ‘सिख समुदाय ने जोर दिया कि देश के सैन्य बलों में करीब 12 फीसदी सिख हैं, जिनमें से कई ने देश की सुरक्षा के लिए जान कुर्बान कर दी है। फिल्म प्रचार की सामग्री को लेकर उन्होंने और खासतौर से सिख युवाओं ने नाराजगी जाहिर की है।’
शब्बीर ने औपचारिक रूप से सीएम रेड्डी से फिल्म पर बैन लगाने का अनुरोध किया है। उन्होंने फिल्म के कंटेंट पर सवाल उठाए और आशंका जताई है कि इससे तनाव हो सकता है। उन्होंने कहा है कि रेड्डी ने भरोसा दिया है कि वह कानूनी सलाह लेने के बाद इसपर फैसला लेंगे।
अकाली दल ने भी उठाई मांग
शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से अपील की है कि कंगना रनौत अभिनीत फिल्म ‘इमरजेंसी’ के रिलीज पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है। भाजपा सांसद और अभिनेत्री रनौत ने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। यह फिल्म छह सितंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।
शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने बुधवार को सेंसर बोर्ड को लिखे पत्र में कहा कि हाल में जारी फिल्म के ट्रेलर में त्रुटिपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य देखे जा सकते हैं जो न केवल सिख समुदाय को गलत तरह से प्रस्तुत करते हैं बल्कि नफरत और सामाजिक वैमनस्य भी फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का चित्रण न केवल भ्रामक है बल्कि बहुत अपमानजनक तथा पंजाब एवं पूरे देश के सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुंचाने वाला भी है।
सरना ने कहा, ‘इस फिल्म से सांप्रदायिक तनाव बढ़ने और गलत सूचनाओं का प्रसार होने की आशंकाओं के मद्देनजर मैं सीबीएफसी से अनुरोध करता हूं कि इसकी रिलीज पर रोक लगाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करे।’