ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने फोन पर यूरोपीय देश जर्मनी में इस्लामिक केंद्रों को बंद करने पर अपने विचारों पर चर्चा की है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ईरानी विदेश मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया, अली बाघेरी कानी ने शनिवार को जर्मनी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार का यह फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है और इससे दोनों देशों के संबंध खराब होंगे। उन्होंने विशेष रूप से इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग (आईजेडएच) को बंद करने की निंदा की।
उन्होंने कहा कि जर्मनी सरकार का यह कदम मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने और इजरायल के हितों को बचाने के लिए किया गया है। साथ ही चेतावनी दी कि जर्मनी को अपने कार्यों के परिणाम स्वीकार करने चाहिए।
विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने जवाब देते हुए कहा कि जर्मन कानून के हिसाब से इस्लामिक केंद्र कानूनी तरीके से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ सकते हैं। हमें उन मतभेदों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए जो उत्पन्न हुए हैं। उम्मीद है कि हम बातचीत और कूटनीतिक तरीकों से द्विपक्षीय संबंधों में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं।
बयान के अनुसार, दोनों के विदेश मंत्रियों ने पश्चिम एशिया के नए घटनाक्रम, तेहरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते की बहाली, प्रतिबंधों को हटाने और द्विपक्षीय वाणिज्य दूतावास संबंधी मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
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