मलेरिया के लक्षण, फैलने का कारण और बचाव के आसान तरीके

जब भी किसी का बुखार 3-4 दिनों से ज्यादा होता है, तो मरीज के दिमाग में यह सवाल उठता है कि कहीं उसे मलेरिया तो नहीं हो गया है। दरअसल, मलेरिया का पहला लक्षण बुखार ही होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर बुखार मलेरिया ही हो। इसके कुछ खास लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है, और अगर लक्षण अन्य बीमारियों से मेल खाते हों, तो टेस्ट के जरिए मलेरिया की पुष्टि की जा सकती है।

मलेरिया के 5 मुख्य लक्षण:
लंबा बुखार: बुखार 10 दिन या उससे ज्यादा समय तक रह सकता है।

उच्च तापमान: शरीर का तापमान 104 से 106 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है।

ठंड लगना और कंपकंपी: इसमें मरीज को ठंड लगती है और कंपकंपी भी हो सकती है।

सिर दर्द: मलेरिया में सिर में लगातार दर्द भी हो सकता है।

बुखार का आना-जाना: बुखार कभी उतरता है, तो कभी फिर से आता है, यानी यह बुखार एक-एक दिन छोड़कर आता है।

मलेरिया की पुष्टि के लिए टेस्ट:
उपरोक्त लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं, इसलिए मलेरिया की पुष्टि के लिए कुछ टेस्ट जरूरी हैं:

Slide Examination: इस टेस्ट में मरीज के ब्लड का सैंपल लिया जाता है और कांच की स्लाइड पर जांच की जाती है। यह टेस्ट 100 से 200 रुपये के बीच होता है।

Rapid Antigen Test: मलेरिया के लक्षण का तुरंत पता लगाने के लिए इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है। इसमें मरीज के ब्लड का सैंपल लिया जाता है और इसकी लागत 400 से 600 रुपये के बीच होती है।

मलेरिया कैसे फैलता है:
मलेरिया एक प्रोटोजोअल इन्फेक्शन के कारण होता है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। यह इन्फेक्शन प्लाज्मोडियम के जीवाणुओं के कारण होता है, जो गंदे और रुके हुए पानी में पैदा होते हैं। जब मच्छर इस पानी से संपर्क करता है, तो यह जीवाणु मच्छर की लार में पहुंच जाता है। फिर जब मच्छर किसी इंसान को काटता है, तो यह जीवाणु उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है। ध्यान रहे कि मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क से नहीं फैलता।

मलेरिया से बचाव के उपाय:
घर में या आसपास पानी इकट्ठा न होने दें।

कूलर का पानी हर दूसरे दिन बदलें।

अगर घर के आसपास गड्ढे हैं, तो उन्हें भर दें ताकि पानी इकट्ठा न हो।

खुद भी मच्छरदानी का उपयोग करें और परिवार के अन्य सदस्यों को भी मच्छरदानी में सोने के लिए कहें।

मच्छरों से बचने के लिए मस्कीटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।

गमलों की ट्रे में जमा पानी को रोज़ साफ करें।

घर से बाहर जाने पर, खासकर शाम को, पूरी बाजू की कमीज और पैंट पहनें। साथ ही, मच्छर से बचने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें (डॉक्टर की सलाह से)।

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