दिल्ली और मुंबई शहरों को जोड़ने के लिए देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। यह दिल्ली-मुंबई का एक्सप्रेसवे लगभग 1350 किलोमीटर की दूरी को तय करता है।सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने की कगार पर है, जो 1271 किलोमीटर की दूरी को तय करेगा। यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी घाटों की मदद से चेन्नई को सूरत से जोड़ेगा, इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए इस कार्य को पूरा करने में लगभग अगले दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद लगाई जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निर्मित इस एक्सप्रेसवे की गति सीमा को 120 किमी प्रति घंटा का अनुमान लगाया जा रहा है।इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की अनुमानित लागत को लगभग 50,000 करोड़ रुपये के लागत आई है। एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआत 4 लेन के साथ किया गया है। इसको भविष्य में 6 लेन या 8 लेन वाले एक्सप्रेसवे में बदला जायेगा।
अक्तूबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतमाला परियोजना के तहत चेन्नई-सूरत एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया गया था एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य को बात करे तो यह लगभग दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, सड़क देश के दक्षिणी भाग को पश्चिमी भाग से जोड़ने के लिए तैयार होंजाएगी।
इस कनेक्ट हो रहे राज्यों की वजह से इसमें व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी है। इसकी वजह से निश्चित रूप से औद्योगिक विकास को बढ़ावा भी मिलेगा। सूरत-चेन्नई expressway आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में पर्यटन को विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
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