लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों के साथ आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह बात 3 अक्टूबर 2021 की है जब को लखीमपुर खीरी में हिंसा का मंजर देखा गया था।उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध किसानों द्वारा किए जाने की वजह से यह हिंस भड़की थी इस दौरान वाहन ने चार किसानों को कुचल दिया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी और इस बात पर गुस्साए हुए किसानों आगबबूला होकर ड्राइवर समेत भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर उनको मौत के घाट उतार दिया था। इस हिंसा के दौरान पत्रकार की भी जान चली गई थी।
लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी को लेकर सख्त टिप्पणी की है। अदालत का कहना है कि अगर आशीष मिश्र टेनी शारीरिक रूप से अलग अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, तो यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन है।
आशीष मिश्र टेनी जोकि केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे है 3 अक्टूबर में हुई हिंसा के मुख्य आरोप आशीष लखीमपुर खीरी हिंसा मामले से जुड़े हुए है यह उन आरोपियों में से एक हैं।सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र टेनी को फटकार लगाते हुए कहा कि आशीष मिश्र का शारीरिक रूप से सभी राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होना जमानत शर्तों का उल्लंघन है।शीर्ष अदालत के द्वारा वकील प्रशांत भूषण (पीड़ितों की तरफ से) अपने आरोपों को साबित करने वाला हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए है।आशीष मिश्र को जमानत तो दो गई थी लेकिन इसके दौरान आशीष को उत्तर प्रदेश या दिल्ली में रहने के आदेश नही थे।
जस्टिस सूर्यकांत और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर टेनी अलग कार्यक्रमों में शारीरिक रूप से शामिल हो रहे हैं, तो यह जमानत का उल्लंघन है।वकील प्रशांत भूषण ने भी इस हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी पर आरोप लगाया है की ये उत्तर प्रदेश में राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और हाल ही में एक कार्यक्रम में साइकिल वितरित करते हुए भी पाए गए है। थे। आशीष द्वारा जमानत शर्तों का उल्लघंन किया जा रहा है। उनको उत्तर प्रदेश में मुकदमे के लिए प्रवेश करने की अनुमति हैं। आशीष मिश्र टेनी के वकील सिद्धार्थ दवे ने सुप्रीम कोर्ट का विरोध किया है और जवाब में कहा कि टेनी मूर्ख नहीं हैं कि इस तरह से जमानत शर्तों का उल्लघंन करें।