रेल टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

भारतीय रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद यात्रियों से अपील की है कि वे रेल टिकटों के बारे में किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता की रिपोर्ट करें। रेलवे ने कहा है कि वह फेयर टिकटों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यदि कोई समस्या दिखती है, तो उसे तुरंत बताएं ताकि रेलवे सिस्टम को बेहतर बनाया जा सके। रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है।

आरपीएफ के डीजी का बयान
आरपीएफ के डीजी मनोज यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय असली रेल यात्रियों के अधिकारों की रक्षा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि केवल वैध यात्रियों के पास ही टिकट हों और सिस्टम का दुरुपयोग किसी भी स्थिति में न हो। अगर कोई अनियमितता दिखती है, तो हम इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।”

सिस्टम में सुधार के लिए यात्रियों से मदद की अपील
मनोज यादव ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता की रिपोर्ट करें और रेलवे सिस्टम को सुधारने में मदद करें। इसके लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर 139 और रेलमदद पोर्टल की सुविधा प्रदान की है। आरपीएफ यात्रियों को रेलवे सिस्टम की अखंडता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: टिकटों की कालाबाजारी सामाजिक अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि रेल टिकटों की कालाबाजारी एक सामाजिक अपराध है, जो आम यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती है। अदालत ने यह भी कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डालता है। कोर्ट ने 9 जनवरी 2025 को यह फैसला सुनाते हुए कहा कि अब कोई भी व्यक्ति रेलवे टिकटों को जमा करके अधिक दामों पर नहीं बेच सकेगा, खासकर तत्काल टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए यह फैसला बेहद अहम है। इस फैसले का असर ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों पर भी होगा।

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