Women wearing hijabs attend a protest against the recent hijab ban in few colleges of Karnataka state, on the outskirts of Mumbai, India, February 13, 2022. REUTERS/Francis Mascarenhas

हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट का मुंबई कॉलेज से ‘बिंदी, तिलक’ वाला सवाल

कर्नाटक से शुरू होकर सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा हिजाब बैन अब मुंबई भी पहुंच गया है। कॉलेज से हिजाब बैन को आगे न बढ़ाने के लिए कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज से पूछा कि क्या वह बिंदी या तिलक लगाने वाली लड़कियों पर भी प्रतिबंध लगाएगा। जस्टिस संजीव खन्ना और पीवी संजय कुमार की बेंच ने प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका के बारे में नोटिस जारी किया और हिजाब और टोपी पर प्रतिबंध को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।

जस्टिस कुमार ने यह भी टिप्पणी की कि कॉलेजों को ऐसे नियम बनाने बंद करने चाहिए। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या कॉलेज तिलक या बिंदी लगाने वाले व्यक्तियों को भी प्रतिबंधित करेगा।

“यह निर्देश का हिस्सा नहीं है। आपने ऐसा नहीं कहा है,” बेंच ने कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को बताया।

कॉलेज ने तर्क दिया कि मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने से वे हिंदू छात्राओं को भगवा शॉल पहनने से नहीं रोक पाएंगे, जिससे राजनीतिक तत्वों द्वारा विवाद को बढ़ावा मिल सकता है। शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि ‘बुर्का और हिजाब’ पर उसके अंतरिम आदेश की गलत व्याख्या या दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और मुंबई कॉलेज को इस तरह के दुरुपयोग की स्थिति में अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार दिया।

कोर्ट ने कहा कि कॉलेज का फैसला महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों में बाधा बन सकता है।

“आप महिलाओं को यह बताकर कैसे सशक्त बना रहे हैं कि उन्हें क्या पहनना है? जितना कम कहा जाए उतना अच्छा है। महिलाओं के पास विकल्प कहां है? आप अचानक इस तथ्य से जाग गए हैं कि वे इसे पहन रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के इतने सालों बाद ये सब कहा जा रहा है और आप कहते हैं कि इस देश में धर्म है,” जस्टिस कुमार ने कहा।

पीठ बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें चेंबूर (मुंबई) कॉलेज द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था, जिसमें छात्रों को परिसर में बुर्का, हिजाब या नकाब पहनने से मना किया गया था। याचिका का मसौदा अधिवक्ता हमजा लकड़वाला ने तैयार किया तथा इसे अधिवक्ता अबीहा जैदी ने दायर किया।