कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी में शामिल पाए जाने पर अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एक आधिकारिक परिपत्र में कहा गया कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) बार-बार उम्मीदवारों और अन्य हितधारकों के संज्ञान में लाया है कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी रूप में (मौखिक या लिखित, इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक) किसी भी माध्यम से परीक्षा सामग्री का खुलासा, प्रकाशन, पुनरुत्पादन, प्रेषण, भंडारण या प्रेषण और भंडारण में सुविधा प्रदान करता हुआ पाया गया तो उसे ‘‘गंभीर कदाचार माना जाएगा और उसे परीक्षा से वंचित/अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।’’
इसमें कहा गया है कि ‘‘परीक्षा केंद्र में उपलब्ध कराए गए कागजों को ले जाना या परीक्षा सामग्री को अनधिकृत रूप से अपने पास रखना’’ भी गंभीर कदाचार माना जाएगा, जिसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
एसएससी द्वारा 10 सितंबर को जारी परिपत्र में कहा गया, ‘‘आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया अर्थात यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक आदि के माध्यम से उपरोक्त गतिविधियों में संलिप्त हैं।’’
इसमें कहा गया है कि ऐसे अभ्यार्थियों या व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी एवं आवश्यक हुआ तो ऐसे मामलों की सूचना पुलिस को दी जाएगी।
एसएससी सरकार की सबसे बड़ी भर्ती एजेंसियों में से एक है, जिसका मुख्य कार्य विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में अराजपत्रित पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना है।
एक अन्य संबंधित कदम में, केंद्र ने बृहस्पतिवार को एसएससी को पंजीकरण के समय और परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण करने की अनुमति दी थी।
आधार 12 अंकों की संख्या है जो भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा सभी पात्र नागरिकों को बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा के आधार पर जारी की जाती है।
एसएससी द्वारा देश भर में आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में हजारों अभ्यर्थी शामिल होते हैं।
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