पिछले दो वर्षों में जहां ‘जनरेटिव एआई’ (Generative AI) ने लोगों का ध्यान खींचा, वहीं इस साल ‘एआई एजेंट’ के उभार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दुनिया में एक नई क्रांति के संकेत दिए हैं। ‘एआई एजेंट’ स्वतंत्र रूप से काम करने वाली ऐसी प्रणालियां हैं, जो बिना प्रत्यक्ष मानव इनपुट के उपयोगकर्ता की तरफ से निर्णय लेने और कार्य करने में सक्षम हैं। इसका उद्देश्य है हमारे रोजमर्रा के जटिल कार्यों को सरल बनाना और निजी व पेशेवर जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाना।
‘एआई एजेंट’ क्या कर सकते हैं?
‘एआई एजेंट’ उपयोगकर्ता की ओर से अनुबंधों पर बातचीत कर सकते हैं, वित्तीय प्रबंधन के फैसले ले सकते हैं और यात्रा या होटल बुकिंग जैसे कार्य स्वतः कर सकते हैं। मेटा के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि ‘एआई एजेंट’ की संख्या जल्द ही दुनिया की आबादी से भी अधिक हो सकती है।
कैसे काम करते हैं ‘एआई एजेंट’?
जनरेटिव एआई जहां मानव इनपुट पर आधारित टेक्स्ट, फोटो, वीडियो या ऑडियो उत्पन्न करता है, वहीं ‘एआई एजेंट’ स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। ये एजेंट न केवल उपयोगकर्ता की तरफ से फैसले लेते हैं, बल्कि अन्य प्रणालियों के साथ जटिल संवाद भी कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप जीवन बीमा खरीदना चाहते हैं, तो आपका निजी ‘एआई वित्तीय सलाहकार’ आपके वित्तीय और स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण कर विभिन्न बीमा कंपनियों के एजेंट्स के साथ बातचीत करेगा। इससे न केवल आपका समय बचेगा बल्कि मानवीय प्रयास भी कम होंगे।
‘एआई एजेंट’ के साथ संभावित खतरे
‘एआई एजेंट’ कई फायदे देने का वादा करते हैं, लेकिन इनके साथ कुछ चुनौतियां और खतरे भी जुड़े हैं:
डेटा गोपनीयता: स्वास्थ्य और वित्तीय डेटा तक पहुंच से निजता का हनन हो सकता है।
अन्य एजेंट्स से प्रतिस्पर्धा: बीमा कंपनियों के उन्नत एआई एजेंट आपके निजी एजेंट पर भारी पड़ सकते हैं, जिससे आप महंगे विकल्प चुनने पर मजबूर हो सकते हैं।
जवाबदेही का अभाव: अगर कोई गलती होती है, तो यह तय करना मुश्किल होगा कि किस प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जाए।
‘एआई एजेंट’ के नैतिक और व्यावहारिक सवाल
एआई एजेंट्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी कई नैतिक और तकनीकी सवाल खड़े करती है। कंपनियां अपने व्यावसायिक प्रोत्साहनों के आधार पर इन्हें विकसित कर रही हैं, जो उपयोगकर्ता की गोपनीयता और दक्षता के बीच संतुलन पर निर्भर करेगा।
इसके अलावा, एआई एजेंट अलग-अलग देशों की सीमाओं के परे काम करेंगे, जहां डेटा गोपनीयता और उपभोक्ता सुरक्षा के नियम अलग हो सकते हैं। इससे एक ऐसा परिदृश्य बन सकता है, जहां विरोधाभासी नियमों के कारण जोखिम बढ़ सकते हैं।
चुनौतियों से निपटने के उपाय
‘एआई एजेंट’ के उपयोग से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय जरूरी हैं:
अंतरराष्ट्रीय मानक: सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को सामंजस्यपूर्ण नियामक ढांचे बनाने चाहिए, जो ‘एआई एजेंट’ की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें।
मानवीय मूल्यों पर जोर: एआई एजेंट विकसित करने वाली कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इनके उत्पाद मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दें।
डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के लिए मजबूत उपाय लागू किए जाने चाहिए।
भविष्य की ओर बढ़ता कदम
‘एआई एजेंट’ मेहनत और समय बचाने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन इनके उपयोग से जुड़े नैतिक और तकनीकी सवालों का समाधान जरूरी है। यह नया युग न केवल तकनीकी उन्नति बल्कि समाज और व्यक्तिगत स्तर पर जिम्मेदारी के साथ संतुलन साधने का भी है।
यह भी पढ़ें:
ब्रिटेन की मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक पर लगे गंभीर आरोप, विपक्षी नेताओं ने की बर्खास्तगी की मांग