कायस्थ को अल्पसंख्यक का दर्जा दे राज्य सरकार

मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतराष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कर्ण उपाध्यक्ष राजेश कुमार कंठ, चितरंजन श्रीवास्तव विहार अध्यक्ष मनोज लाल दास मनु , भास्कर कर्ण, पवन कुमार दास, श्वेता श्रीवस्तव, बंदना सिन्हा, अनुपमा सिन्हा ने बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट के आधार पर कायस्थों को बिहार में अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग बिहार की मुख्यमंत्री नितीश कुमार से की है ।

मिशन के नेताओ ने जातीय जनगणना के रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए है उसमे कायस्थों की जो संख्या बिहार में है उन्हे ऊपर उठाने की जरुरत है। सही अर्थों में आबादी में अल्पसंख्यक कायस्थ समाज ही है। इस लिय अल्पसंख्यकों को आरक्षण के रुप में मिलने वाली तमाम सुविधाए कायस्थ समाज को ही मिलनी चाहिए। इतिहास गवाह है कि कायस्थ समाज के पास जमीन नही रहने के कारण बस उन्हें नौकरियों पर ही निर्भर रहना पड़ता था।

वर्तमान समय में नौकरियों में पचास प्रतिशत आरक्षण होने और अन्य आरक्षित वर्ग के लोगों को भी जनरल कोटा में शामिल होने से कायस्थों की संख्या सरकारी नौकरी में कम होती जा रही है। कायस्थ समाज की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो चुकी है। ऐसे में कायस्थ समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाय तो कायस्थ समाज की भी राजनीतिक, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतराष्ट्रीय के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कर्ण, राष्ट्रीय प्रधान सचिव रमाशंकर श्रीवास्तव, शैलेंद्र मोहन श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कमिटी के विशाल गौरव, राज कुमार दास, राकेश सिन्हा, चन्द्रशेखर खरे ने बिहार में राज्य सरकार द्धारा पेश जातीय जनगणना के आंकड़ों में कायस्थ की इतनी कम संख्या दिखाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पुनः गणना की जाय।

गणना करने वाले कई परिवार में गए ही नही है। एक वेबसाइट लांच कर छूटे लोगों से आवदेन लेकर सही गणना कर आंकड़े दिए जाए। यह सही है कायस्थों की आबादी कम है लेकिन इतनी कम नही। ठीक से गणना हो तो कायस्थों की आवादी दो प्रतिशत से अधिक होगी।